स्मार्टफोन बनाने वाली चीन की प्रमुख कंपनियां श्याओमी कॉर्प और ओप्पो अपने कुछ स्मार्टफोन मॉडलों का भारत में आयात कर रही हैं क्योंकि लॉकडाउन के दौरान सृजित मांग को पूरा करने के लिए उनके घरेलू विनिर्माण संयंत्र फिलहाल संघर्ष कर रहे हैं।
इस मामले से अवगत एक सूत्र ने यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि कंपनी के लिए यह कदम महंगा हो सकता है क्योंकि विश्व के इस दूसरे सबसे बड़े स्मार्टफोन बाजार में मोबाइल उपकरण एवं उसके पुर्जों के आायत पर काफी शुल्क लगाया गया है ताकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मेक इन इंडिया अभियान के तहत देसी उत्पादन को बढ़ावा दिया जा सके।
भारत में मौजूद अधिकतर विदेशी ब्रांड अपने सभी स्मार्टफोन मॉडलों का उत्पादन स्थानीय स्तर पर करते हैं। यह उन चुनौतियों को भी रेखांकित करता है जिससे भारत को उत्पादन सुचारु करने में जूझना पड़ रहा है क्योंकि देश में कोरोनावायरस से संक्रमित रोगियों की संख्या करीब तीन लाख तक पहुंच चुकी है और इससे करीब 8 हजार लोगों की मृत्यु हो चुकी है।
सूत्रों ने बताया कि भारत में विनिर्माण संयंत्रों को मई से ही परिचालन सुचारु करने की अनुमति दी गई है लेकिन कई स्मार्टफोन विनिर्माण संयंत्रों को अभी भी श्रमिकों की किल्लत जैसी समस्याओं से जूझना पड़ रहा है। जबकि इस दौरान स्मार्टफोन की मांग काफी अधिक है। सरकार ने इसे आवश्यक वस्तुओं की श्रेणी में नहीं रखा और इसलिए करीब दो महीने के देशव्यापी लॉकडाउन के दौरान स्मार्टफोन की बिक्री थम गई थी। भारत में बेचे जाने वाले श्याओमी के अधिकतर स्मार्टफोन का उत्पादन अनुबंध आधारित विनिर्माण करने वाली कंपनी फॉक्सकॉन द्वारा तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश में किया जाता है। जबकि ओप्पो नई दिल्ली के बाहरी इलाके में अपने एक संयंत्र में स्मार्टफोन का उत्पादन करती है।
फिलहाल यह स्पष्ट नहीं है कि चीन के स्मार्टफोन ब्रांड कितने स्मार्टफोन का आयात कर रहे हैं। लेकिन अपनी पहचान जाहिर न करने की शर्त पर सूत्रों ने कहा, ‘वास्तव में आयात मुख्य तौर पर मांग को पूरा करने के लिए किया जा रहा है और वास्तविकता यह है कि श्याओमी मौजूदा मांग के अनुरूप उत्पादन नहीं कर पा रही है।’ एक सूत्र ने कहा कि आयात एक अल्पकालिक उपाय है और उत्पादन एवं वितरण के सामान्य होने तक के लिए इस पर विचार किया गया है।
श्याओमी ने इस मुद्दे पर टिप्पणी के लिए भेजे गए ईमेल का कोई जवाब नहीं दिया। फॉक्सकॉन ने भी इस मुद्दे पर टिप्पणी करने से इनकार किया।
ओप्पो के संयंत्र में बीबीके इलेक्ट्रॉनिक्स के ब्रांड वनप्लस और रियलमी के लिए भी स्मार्टफोन का उत्पादन होता है। इस संयंत्र का परिचालन कम कर्मचारियों के साथ 7 मई को सुचारु हो गया था लेकिन कुछ कर्मचारियों के कोरोनावायरस से संक्रमित पाए जाने के कारण महज एक सप्ताह बाद ही उसे दोबारा बंद करना पड़ा। इसके अलावा कुछ अन्य मामलों में ओप्पो एवं अन्य स्मार्टफोन विनिर्माण संयंत्र के कुछ कर्मचारियों ने इस्तीफा दे दिया अथवा असेंम्बली लाइन में काफी करीब होकर काम करने से कोरोनावायरस के चपेट में आ गए।
ओप्पो की फैक्टरी में काम करने वाले और हाल में अपना इस्तीफा देने वाले एक श्रमिक ने कहा, ‘मेरे पिताजी ने मुझे जिंदा रहोगे तो दूसरी नौकरी तलाश लोगे।’ ओप्पो इंडिया ने इस पर टिप्पणी करने से इनकार किया। रियलमी ने एक ईमेल के जवाब में कहा कि उत्पादन संबंधी व्यवधान के कारण मौजूदा मांग को पूरा करना एक बड़ी चुनौती है। हालांकि कंपनी ने उम्मीद जताई कि जुलाई के अंत तक विनिर्माण क्षमता सामान्य हो जाएगी।
