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सीबीईसी ने निर्यातकों को जल्द रिफंड देने की बात कही

Last Updated- December 05, 2022 | 10:00 PM IST

केंद्रीय उत्पाद और सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीईसी) ने गुरूवार को अपने फील्ड ऑफिसरों से कहा कि निर्यातकों के द्वारा सेवा करों की अदायगी के संबंध में रिफंड को समय पर और जल्दी जमा कर दें।


सीबीईसी ने कहा कि फील्ड ऑफिसर छोटे और मझोले उद्योगों के द्वारा दावा की जा रही रिफंड की भी जल्द घोषणा कर दे।सीबीईसी ने एक मॉनिटरिंग तंत्र की भी स्थापना की बात कही है ताकि भुगतान दावे को सही समय पर प्रदान की जाए।


आवेदन के 30 दिनों के अंदर अगर भुगतान का कोई दावा नही किया जा रहा हो तो ऐसी स्थिति में संबंधित मुख्य कमिश्नर को सूचित किया जाता है। किसी कारणों से अगर आवेदन के 45 दिनों तक कोई पहल नही होने पाए तो सीबीईसी को सूचित  किया जाता है।


रुपये की मजबूती के कारण सरकार ने कर के दायरे में आनेवाली 16 सेवाओं पर रियायत देने की व्यवस्था की है जो निर्यातक सामानों को उसकी सुनिश्चितता तरीके के आधार पर दी जाती है। ऐसा करने के पीछे इन निर्यातक सेवा प्रदाताओं को राहत देने का उद्देश्य है।


अप्रत्यक्ष कर संग्रह 2,79,000 करोड़ रुपये


सरकार ने वर्ष 2007-08 के लिए अप्रत्यक्ष कर के तौर पर सीमा शुल्क, उत्पाद शुल्क और सेवा कर से लगभग 2,79,000 करोड़ रुपये कर संग्रह किया है। उल्लेखनीय है कि केंद्र सरकार 2007-08 के लिए पहले ही करीब 3,12,000 करोड़ रुपये का प्रत्यक्ष कर संग्रह कर चुकी है, जबकि संशोधित लक्ष्य करीब 3,05,000 करोड़ रुपये था।  इस तरह से समीक्षाधीन वर्ष के लिए सरकार का कुल कर संग्रह करीब 5,91,000 करोड़ रुपये रहा।

First Published - April 17, 2008 | 11:40 PM IST

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