भारत में भी जल्द ही हाई स्पीड रेलगाड़ियां चलने लगेंगी। भारत व फ्रांस के बीच इस मामले में बुधवार को एक करार किया गया।
फ्रांस भारत के हवाईअड्डों के आधुनिकीकरण के साथ हवाई यातायात को जाम से मुक्त करने की दिशा में भी मदद को तैयार है। साथ ही फ्रांस ने दिल्ली की मुख्यमंत्री शीला दीक्षित को राष्ट्रमंडल खेल के दौरान यातायात की बेहतर सुविधा मुहैया कराने की पेशकश की है।
दिल्ली में शुरू की गई बस रैपिड ट्रांजिट (बीआरटी) प्रणाली के बारे में हो रही दिक्कतों के बारे में फ्रांस का कहना है कि बीआरटी की शुरुआत जहां कही भी गयी है, इस प्रकार की दिक्कतें आती हैं। दूसरी ओर वाणिज्य संगठन फिक्की ने फ्रांस के समक्ष मुंबई-कोलकाता कॉरिडोर का निर्माण करने का प्रस्ताव रखा है। फिक्की का कहना है कि इस कॉरिडोर के किनारे औद्योगिक क्षेत्र विकसित होने चाहिए।
हाईस्पीड लाइन बिछाने के मामले में फ्रांस के परिवहन राज्य मंत्री डोमिनीक्यू बुसेरू व रेल राज्य मंत्री एम.रथवा एवं रेलवे बोर्ड के चेयरमैन केसी जेना की मौजूदगी में एसएनसीएफ इंटरनेशनल व भारतीय रेल के बीच करार किया गया। फिक्की द्वारा आयोजित संवाददाता सम्मेलन में बुसेरू ने बताया कि जल्द ही भारत में हाईस्पीड लाइन को बिछाने का काम शुरू हो जाएगा। यह पूछे जाने पर कि यह काम कब शुरू होगा, उन्होंने कहा कि यह भारत सरकार पर निर्भर करता है।
उन्होंने यह भी जानकारी दी कि हाईस्पीड लाइन के लिए 1000 लोकोमेटिव ट्रेन बनायी जाएंगी। लेकिन यहां भी यह तय नहीं हुआ है कि इन ट्रेनों का निर्माण भारत में होगा या फ्रांस में। फिलहाल हाई स्पीड ट्रेन का परिचालन अमेरिका, यूरोप, चीन, जापान व अफ्रीका के कुछ देशों में हो रहा है। इस मौके पर मौजूद फिक्की के महासचिव अमित मित्रा ने कहा कि फ्रांस को जापान की तरह किसी एक मार्ग पर कोरिडोर का निर्माण करना चाहिए।