ऐपल के लिए ठेके पर विनिर्माण करने वाली कंपनियों (वेंडर) ने 1 अप्रैल से शुरू होने जा रहे वित्त वर्ष 2023 में मोबाइल फोन उत्पादन में कम से कम 25,000 करोड़ रुपये की बढ़ोतरी का वादा किया है। इससे उत्पादन आधारित प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना को मजबूती मिल सकती है।
वित्त वर्ष 2022 के मुकाबले उत्पादन में कम से कम तीन गुना बढ़ोतरी और निर्यात में भारी बढ़ोतरी का ऐपल का वादा ठेके पर उत्पादन करने वाली तीसरी कंपनी पेगाट्रॉन के भारत आने से पूरा होगा। पेगाट्रॉन वित्त वर्ष 2023 में पहली बार वाणिज्यिक उत्पादन शुरू करेगी। कंपनी ने पहले ही साल में कम से कम 7,258 करोड़ रुपये के उत्पादन का वादा किया है। लेकिन जब यह 8,000 करोड़ रुपये के उत्पादन स्तर पर पहुंच जाएगी तो वह पीएलआई की हकदार बन जाएगी। इसने और ऐपल की दो मौजूदा वेंडरों- फॉक्सकॉन होन हाई तथा विस्ट्रॉन ने मिलकर अगले पांच साल के दौरान अपने उत्पादन मूल्य के 60 फीसदी का निर्यात करने का भी वादा किया है। वित्त वर्ष 2022 में फॉक्सकॉन होन हाई और विस्ट्रॉन न्यूनतम उत्पादन बढ़ोतरी के अपने वादे से आगे निकल चुकी हैं। यह वादा 1 अगस्त 2021 से आठ महीने की अवधि के लिए था और संयुक्त रूप से 8,000 करोड़ रुपये के इजाफे की बात थी।
नतीजतन वे अब सरकार से 6 फीसदी पीएलआई का दावा करने के लिए आवेदन की योजना बना रही हैं। अनुमानों के मुताबिक दोनों कंपनियां वित्त वर्ष 2022 में घरेलू बाजार के लिए विनिर्माण के अलावा 10,000 करोड़ रुपये से अधिक निर्यात कर चुकी हैं। अगर दोनों के अंतिम आंकड़ों को जोड़ते हैं तो वे उनके पीएलआई के वादे से काफी अधिक हो सकते हैं। आईसीईए के अनुमान के मुताबिक इससे देश को मोबाइल फोन का निर्यात बढ़ाने में मदद मिली है, जो वित्त वर्ष 2022 में 5.5 अरब डॉलर पर पहुंचने का अनुमान है। यह पिछले साल से 75 फीसदी अधिक है। ऐपल द्वारा अपना पैमाना बढ़ाए जाने से तीनों वेंडर अपनी क्षमता में इजाफे के लिए निवेश बढ़ा रही हैं। उन्होंने सरकार से पीएलआई योजना के दूसरे साल के आखिर तक संयुक्त रूप से 3,000 करोड़ रुपये के निवेश का वादा किया है। यह उस 1,250 करोड़ रुपये की राशि से काफी अधिक है, जो उन्होंने इतनी ही अवधि में पीएलआई की पात्रता हासिल करने के लिए किया है।
वित्त वर्ष 2023 में भी तीनों कंपनियों के पास ज्यादा उत्पादन और उत्पादन में 35,000 से 40,000 करोड़ रुपये की बढ़ोतरी पर पहुंचने और इसके अनुपात में ही ज्यादा प्रोत्साहन पाने का मौका है। इस बारे में ऐपल को भेजे गए ईमेल का कोई जवाब नहीं मिला। पेगाट्रॉन पीएलआई योजना के दूसरे साल में प्रवेश करेगी, लेकिन इसके पास कोई आधार वर्ष नहीं है क्योंकि इसने भारत में कभी आईफोन का उत्पादन नहीं किया है।
