किसी भी कंपनी या संगठन के कंप्यूटर नेटवर्क की सुरक्षा का इंतजाम करना बेहद जरूरी हो जाता है।
अगर ऐसा न किया जाए तो उनका कंप्यूटर नेटवर्क ठप पड़ सकता है। अगर ऐसा होता है तो जाहिर है उनका काम भी बैठ जाएगा क्योंकि मौजूदा दौर में कंप्यूटर नेटवर्क की अहमियत किसी से छिपी नहीं है।
इसमें भी कई चीजें आती हैं। मसलन आपका कंप्यूटर सिस्टम नेटवर्क किसी भी वायरस के हमले से कितना महफूज है। या फिर कोई आपके सिस्टम को हैक करने की तो कोशिश नहीं कर रहा है या फिर कोई आपकी जासूसी तो नहीं कर रहा है।
कई कंपनियां इस दिक्कत से निजात देने वाले एंटीवायरस सॉफ्टवेयर तैयार कर रही हैं। इनमें मैकेफी और सिमैंटक का नाम प्रमुख तौर पर शुमार किया जा सकता है।
इन कंपनियों के अलावा पैलाडियन, आईविज, स्पिरेंट, पोर्टाकुलिस, एस्युरेंट जैसी सिक्योरिटी एसेसमेंट टेस्टिंग सेवा प्रदाता कंपनियां भी इस कारोबार में लगी हैं।
दरअसल, कंप्यूटर सिस्टम की सुरक्षा की अहमियत बहुत ज्यादा बढ़ती जा रही है। इसलिए अब कंप्यूटर सुरक्षा पर खर्च भी अधिक किया जाने लगा है जिससे एंटीवायरस सॉफ्टवेयर बनाने वाली कंपनियों का बाजार तेजी से बढ़ता जा रहा है।
अनुमान लगाया जा रहा है कि वैश्विक स्तर पर यह कारोबार 10 अरब डॉलर से भी ज्यादा का है और यह सालाना 20 फीसदी की दर से बढ़ रहा है।
कंप्यूटर सुरक्षा में सेंध से सुरक्षा का कारोबार गुलजार होता जा रहा है। अनुमान है कि केवल अमेरिका में हर साल कंप्यूटर सुरक्षा में सेंध की वजह से 48 अरब डॉलर का नुकसान होता है।
इसके अलावा मौजूदा दौर में हैकर इन सिस्टम की सुरक्षा को तोड़ने के लिए नये-नये तरीके अपना रहे हैं। इसी वजह से पिछले कुछ सालों से कंप्यूटर सिस्टम की सुरक्षा में सेंध लगाकर नुकसान पहुंचाने की घटनाओं में तेजी आई है।
सिमैंटक इंडिया के प्रबंध निदेशक विशाल धूपर कहते हैं, ‘किसी भी संगठन के लिए सूचना और जानकारियों का प्रबंधन करना काफी अहम है।
खासकर, उन संगठनों के लिए जिनके पास बहुत सारी गोपनीय जानकारियां होती हैं। एक ओर एंटीवायरस जहां कंप्यूटर सिस्टम की सुरक्षा का काम करते हैं वहीं दूसरी ओर लगातार अंतराल पर सुरक्षा का मुआयना करने से नये खतरों से निपटने में मदद मिलती है।