रिलायंस जियो ने आंध्र प्रदेश, दिल्ली और मुंबई दूरसंचार क्षेत्रों (सर्कल) में भारती एयरटेल से 1,497 करोड़ रुपये कीमत का स्पेक्ट्रम खरीदने के लिए समझौता किया है। कंपनी ने आज इसकी घोषणा करते हुए बताया कि दोनों के बीच स्पेक्ट्रम कारोबार के जरिये 800 मेगाहट्र्ज बैंड में स्पेक्ट्रम के इस्तेमाल का समझौता हुआ है। जियो ने अपने बयान में कहा, ‘दोनों कंपनियों के बीच हुआ यह समझौता दूरसंचार विभाग द्वारा जारी स्पेक्ट्रम व्यापार दिशानिर्देशों के अनुरूप है। अब इसे नियामकीय और सांविधिक मंजूरियों का इंतजार है। स्पेक्ट्रम इस्तेमाल करने का अधिकार 1,497 करोड़ रुपये में मिला है, जिसमें 459 करोड़ रुपये की बकाया स्पेक्ट्रम देनदारी भी शामिल है।’
भारती एयरटेल के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्याधिकारी (भारत एवं दक्षिण एशिया) गोपाल विट्टल ने कहा, ‘तीनों सर्कलों में 800 मेगाहट्र्ज बैंड में स्पेक्ट्रम बिक्री से हमें उस स्पेक्ट्रम की कीमत हासिल हो गई है, जिसका हम इस्तेमाल नहीं कर रहे थे। यह नेटवर्क से संबंधित हमारी रणनीति के मुताबिक ही है।’ इस समझौते के तहत एयरटेल को प्रस्तावित स्पेक्ट्रम हस्तांरण के एवज में जियो से 1,037.60 करोड़ रुपये मिलेंगे। इसके अलावा जियो स्पेक्ट्रम बकाये के 459 करोड़ रुपये भी चुकाएगी। जियो ने कहा, ‘एयरटेल से स्पेक्ट्रम खरीदने के बाद दिल्ली, मुंबई और आंध्र प्रदेश में हमारी पैठ और भी बढ़ जाएगी।’ स्पेक्ट्रम की मात्रा बढऩे और दूरसंचार ढांचा मजबूत होने के साथ ही जियो ने अपने नेटवर्क की क्षमता भी बढ़ा ली है।
पिछले महीने रिलायंस जियो ने 4जी स्पेक्ट्रम नीलामी में सबसे बड़ी बोली लगाई थी और भारती एयरटेल तथा वोडाफोन आइडिया को पछाड़ दिया था। दो दिन तक चली नीलामी से केंद्र को 77,815 करोड़ रुपये मिलेंगे। पिछले एक दशक में यह सबसे कम अवधि तक चलने वाली नीमाली प्रक्रिया है। नीलामी से प्राप्त रकम सरकार के अनुमान से भले ही अधिक रही है, लेकिन 3.92 लाख करोड़ रुपये मूल्य का स्पेक्ट्रम नीलामी के लिए रखा गया था। उस लिहाज से सरकार को काफी कम रकम मिली है। कुछ खास बैंड में स्पेक्ट्रम आधार मूल्य पर ही बिका है।