ब्रॉडबैंड और फाइबर के करीब 66 प्रतिशत उपभोक्ताओं को कनेक्शन में व्यवधान व कम स्पीड की समस्या से जूझना पड़ता है। वहीं 53 प्रतिशत से ज्यादा लोगों का कहना है कि किसी खराबी को दुरुस्त करने में सेवा प्रदाता 24 घंटे से ज्यादा वक्त लगा देते हैं। लोकलसर्किल के एक सर्वे में यह सामने आया है।
लोकलसर्किल एक कम्युनिटी सोशल प्लेटफॉर्म है, जिसके सर्वे में देश भर के 29,345 लोग शामिल हुए। यह सर्वे इंटरनेट उपभोक्ताओं को आने वाली समस्याओं और उसे दुरुस्त करने में लगने वाले वक्त को लेकर कराया गया था। यह सर्वे मुख्य रूप से देश भर में भारती एयरटेल के नेटवर्क और मुंबई में रिलायंस जियो के नेटवर्क पर केंद्रित था।
कुल मिलाकर देखें तो 56 प्रतिशत ब्रॉडबैंड, फाइबर और डिजिटल सबस्क्राइबर लाइन (डीएसएल) उपभोक्ताओं को कनेक्शन को लेकर 3 बार या इससे ज्यादा समस्या हर महीने आती है। सिर्फ 19 प्रतिशत डीएसएल ब्रॉडबैंड फाइबर उपभोक्ताओं ने कहा कि उन्हें किसी समस्या का सामना नहीं करना पड़ता है।
सर्वे में कहा गया है, ‘तमाम ग्राहकों को सेवा प्रदाता द्वारा किए गए वादे के मुताबिक स्पीड नहीं मिल रही है, उसके बावजूद उसी सेवा की दरों में बढ़ोतरी या शुल्क बढ़ोतरी जारी है। जब फाइबर, ब्रॉडबैंड, डीएसएल उपभोक्ता से इंटरनेट को लेकर उनकी प्रमुख समस्या के बारे में पूछा गया तो उनमें से 33 प्रतिशत ने कहा कि उन्हें नियमित व्यवधानों से जूझना पड़ रहा है, जबकि अन्य 33 प्रतिशत ने कहा कि जितना हम भुगतान कर रहे हैं, उसकी तुलना में स्पीड बहुत कम है।’
यह पाया गया कि 74 प्रतिशत ब्रॉडबैंड, फाइबर और डीएसएल के उपभोक्ता बेहतर गुणवत्ता, सेवा और दरों के कारण वैकल्पिक सेवा प्रदाता पर विचार कर रहे हैं।