ब्रोकरेज फर्मों का कहना है कि 5जी सेवाओं के शुरू होने से रिलायंस जियो और भारती एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी बढ़ेगी। दोनों दूरसंचार कंपनियां 5जी स्पेक्ट्रम नीलामी में भाग लेने के लिए तैयार हैं।
क्रेडिट सूईस ने अपने एक विश्लेषण में कहा है, ‘हमारा मानना है कि 5जी स्पेक्ट्रम के आधार मूल्य के लिए भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) की सिफारिशें (कंपनियों की चाहत के अनुरूप न होने के बावजूद) काफी सकारात्मक हैं क्योंकि इसके तहत स्पेक्ट्रम मूल्य में 25 से 50 फीसदी की कटौती की गई है। एयरटेल और जियो आगामी 5जी स्पेक्ट्रम नीलामी में भाग लेने के लिए पूरी तरह तैयार हैं जबकि वोडाफोन आइडिया अपने कमजोर बहीखाते के कारण 5जी स्पेक्ट्रम नीलामी के दौरान तगड़ी प्रतिस्पर्धा करने में समर्थ नहीं है।’
नोमुरा ने भी लगभग इसी तरह की राय जाहिर की है। उसका कहना है कि वोडाफोन आइिडया पर्याप्त रकम न जुटा पाने के कारण निकट भविष्य में 5जी सेवाओं को शुरू करने से सुस्ती दिखा सकती है। इससे जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी बढ़ेगी।
दूरसंचार नियामक ने सोमवार को देश में वाणिज्यिक तौर पर 5जी सेवाओं के लिए विभिन्न बैंड के तहत स्पेक्ट्रम के आधार मूल्य में 25 से 50 फीसदी तक घटाने की सिफारिश की है। ट्राई ने पिछली नीलामी के दौरान न बिकने वाले स्पेक्ट्रम के अलावा 600 मेगाहट्र्ज, 3300 से 3600 मेगाहट्र्ज और 24.5 से 28.5 गीगाहट्र्ज जैसे नए बैंड में उपलब्ध सभी स्पेक्ट्रम की नीलामी करने की सिफारिश की है।
यूबीएस सिक्योरिटीज ने कहा, ‘मान लेते हैं कि 3 से 6 महीनों में नीलामी पूरी हो जाएगी तो भारत में 5जी सेवाओं की शुरुआत 2022 के अंत अथवा 2023 के आरंभ तक हो सकती है।’