भारती एयरटेल के प्रबंध निदेशक व सीईओ (दक्षिण एशिया) गोपाल विट्ठल ने कहा है कि साल 2022 व 2023 में वाणिज्यिक 5जी की सेवाएं सीमित होंगी, जिसकी वजह 5जी सक्षम हैंडसेट्स की संख्या सीमित होना और नया माहौल होगा।
मंगलवार को डिजिटल कंज्यूमर कमीशन ने 5जी की नीलामी को हरी झंडी दे दी और इस संबंध में अंतिम फैसला केंद्रीय कैबिनेट लेगी। पहले दौर की नीलामी जून मेंं करने की सरकार की उम्मीद और इस सेवा की शुरुआत साल के आखिर तक हो सकती है।
दोबारा सीईओ व एमडी के पद पर नियुक्ति पाने वाले विट्ठल ने कहा, तात्कालिक आधार पर एयरटेल की तरफ से 5जी सेवाओं की आक्रामक शुरुआत नहीं होगी।
नतीजे के बाद विश्लेषकों संग बुधवार को हो रही बातचीत में विट्ठल ने कहा, देश में 5जी सक्षम मोबाइल फोन महज 4 फीसदी हैं और शिपमेंट के जरिए यहां इस उपकरण मेंं हो रही बढ़ोतरी मार्च 2024 तक कुल फोन का करीब 15-16 फीसदी होगा। साथ ही कोई भी 5जी ऐप्लिकेशन आदि तैयार नहीं है। विट्ठल ने कहा, 5जी पर आक्रामक होने से पहले एयरटेल प्रतीक्षा करेगी और देखेगी कि किस तरह से वातावरण व माहौल तैयार हो रहा है। उन्होंंने स्पेक्ट्रम नीलामी पर दूरसंचार नियामक की तरफ से रिजर्व प्राइस की सिफारिश पर निराशा जताई। उन्होंने कहा, इसे हालांकि घटाया गया है लेकिन यह पर्याप्त नहीं है और यह निराशाजनक दिख रहा है। हम अपनी रणनीति पर टिप्पणी नहींं करेंगे क्योंंकि यह सरकार की तरफ से तय अंतिम रिजर्व प्राइस पर निर्भर होता है।
विट्ठल ने यह भी संकेत दिया कि एक बार और टैरिफ मेंं बढ़ोतरी इस साल हो सकती है और यह एयरटेल के औसत राजस्व प्रति ग्राहक बढ़ाकर 200 रुपये पर पहुंचा देगा। पिछले नवंबर मेंं कंपनियों ने टैरिफ में 20 फीसदी की बढ़ोतरी की थी और इससे उन्हें एआरपीयू बढ़ाने मेंं मदद मिली थी। वित्त वर्ष 22 की चौथी तिमाही मेंं एयरटेल का एआरपीयू 178 रुपये पर पहुंचा दिया, जो उद्योग में सबसे ज्यादा है।
टैरिफ बढ़ोतरी ने हालांकि राजस्व की रफ्तार मेंं योगदान किया है, लेकिन दूरसंचार क्षेत्र सिम काड्र्स के एकीकरण और 4जी ग्राहक जुड़ावह मेंं नरमी को एकीकृत किया जा सकता है। एयरटेल सीईओ ने 4जी ग्राहक जुड़ाव में नरमी की वजह सेमीकंडक्टर की किल्लत और चिप की कीमत मेंं इजाफे को हबताया, जिसके कारण स्मार्टफोन की कीमतोंं में इजाफा हुआ। इन चुनौतियों के कारण स्मार्टफोन का शिपमेंंट सुस्त रहा, लेकिन विट्ठल ने कहा कि यह अस्थायी है।
