facebookmetapixel
Stocks to Watch today: Ashok Leyland से लेकर Tata Steel और Asian Paints तक, आज इन स्टॉक्स में दिखेगा एक्शनStock Market Today: गिफ्ट निफ्टी से सुस्त संकेत, गुरुवार को कैसी रहेगी बाजार की चाल ?27% मार्केट वैल्यू गायब! आखिर TCS को क्या हो गया?कृषि को लाभदायक बिजनेस बनाने के लिए ज्यादा ऑटोमेशन की आवश्यकताQ2 Results: टाटा स्टील के मुनाफे में 272% की उछाल, जानें स्पाइसजेट और अशोक लीलैंड समेत अन्य कंपनियों का कैसा रहा रिजल्टसेबी में बड़े बदलाव की तैयारी: हितों के टकराव और खुलासे के नियम होंगे कड़े, अधिकारियों को बतानी होगी संप​त्ति!Editorial: आरबीआई बॉन्ड यील्ड को लेकर सतर्कनिर्यातकों को मिली बड़ी राहत, कैबिनेट ने ₹45,060 करोड़ की दो योजनाओं को दी मंजूरीसीतारमण का आठवां बजट राजकोषीय अनुशासन से समझौता नहीं कर सकताटाटा मोटर्स की कमर्शियल व्हीकल कंपनी की बीएसई पर हुई लिस्टिंग, न्यू एनर्जी और इलेक्ट्रिफिकेशन पर फोकस

5जी के आधार मूल्य को मंजूरी

Last Updated- December 11, 2022 | 6:16 PM IST

मंत्रिमंडल ने आगे होने वाली नीलामी के लिए 5जी स्पेक्ट्रम की आधार कीमत को आज मंजूरी दे दी। 3.5 गीगाहर्ट्ज बैंड (3300-3,670) में 20 साल के लिए 317 करोड़ रुपये प्रति मेगाहर्ट्ज कीमत रखी गई है। यह वर्ष 2018 में ट्राई की तरफ से जिस आधार कीमत की सिफारिश की गई थी, उससे 36 फीसदी कम है। इसके साथ ही जुलाई के अंत में स्पेक्ट्रम की नीलामी का रास्ता साफ हो गया है।
लेकिन मं​त्रिमंडल ने दूरसंचार कंपनियों के लिए चुनौती पैदा करते हुए उद्यमों को ‘कैप्टिव प्राइवेट नेटवर्क’ चलाने की मंजूरी दे दी है, जिन्हें दूरसंचार विभाग से सीधे स्पेक्ट्रम का आवंटन होगा। उन्हें दूरसंचार सेवा प्रदाताओं से स्पेक्ट्रम लेने मगर खुद नेटवर्क चलाने की मंजूरी दे दी गई है। इन दोनों मुद्दों पर पहले दूरसंचार विभाग को आपत्ति थी।
दूरसंचार कंपनियों ने अपने संगठन सीओएआई के जरिये इस कदम का कड़ा विरोध किया है। उन्होंने संचार मंत्री अश्विनी वैष्णव को एक पत्र लिखकर कहा है कि ऐसे कदम से उनके लिए 5जी अव्यावहारिक हो जाएगा और दूरसंचार सेवा प्रदाताओं को 5जी नेटवर्क शुरू करने की कोई जरूरत नहीं होगी। बहरहाल संगठन ने कोई बयान जारी नहीं किया है। इसके साथ ही दूरसंचार विभाग ने आज आवेदन आमंत्रित करने का नोटिस जारी  कर दिया। इसमें नीलामी की विस्तृत समय सारणी दी गई है। आवेदन जमा कराने की अंतिम तारीख 8 जुलाई होगी, बोलीदाताओं की सूची की घोषणा 20 जुलाई को होगी और नीलामी 26 जुलाई से शुरू होगी। दूरसंचार उपकरण बनाने वाली कंपनियों का कहना है कि अगर वर्ष के अंत से मार्च 2023 के बीच कुछ शहरों में सीमित 5जी सेवाएं शुरू करने के लिए जुलाई में ऑर्डर दिए जाते हैं तो वे इसके लिए तैयार हैं।  
सरकार ने इस बारे में कैबिनेट का निर्णय मंगलवार को प्रेस ब्रीफिंग में नहीं बताया था। उसके बजाय आज एक प्रेस नोट के जरिये निर्णय की घोषणा की गई। अब स्पेक्ट्रम का भुगतान 20 समान किस्तों के जरिये हर साल किया जा सकता है। इन किस्तों का भुगतान वर्ष की शुरुआत में करना होगा। इससे दूरसंचार कंपनियों की नकदी आवक से संबंधित दिक्कतों का काफी हद तक समाधान हो गया है। बोलीदाताओं को 10 साल बाद स्पेक्ट्रम वापस करने का विकल्प भी दिया गया है, जिसके बाद उन्हें बाकी किस्तें नहीं चुकानी होंगी।  कैबिनेट ने 5जी स्पेक्ट्रम के 600, 700, 800, 900, 1800, 2100, 2300 जैसे विभिन्न फ्रीक्वेंसी बैंड में 72 गीगाहर्ट्ज बैंड की बिक्री को भी मंजूरी दे दी। कैबिनेट ने 5जी की शुरुआत को साकार करने के लिए दूरसंचार सेवा प्रदाताओं को बैकहॉल के लिए ई बैंड में 250-250 मेगाहर्ट्ज के दो कैरियर आवंटित किए हैं।  यह कदम बहुत महत्त्वपूर्ण है क्यों​कि देश में केवल 40 फीसदी टावरों के ​लिए फाइबर बैकहॉल उपलब्ध है।
कैबिनेट ने नीति आयोग और दूरसंचार कंपनियों के कहने के बावजूद स्पेक्ट्रम की आधार कीमत नहीं घटाने के डीसीसी के फैसले को औपचारिक रूप से दिया। दूरसंचार कंपनियां चाहती थीं ​कि ट्राई की 2018 की सिफारिशों की तुलना में आधार कीमत 50 से 90 फीसदी घटाई जाए। कैबिनेट ने विवादास्पद कैप्टिव रिमोट वायरलेस ​प्राइवेट ​नेटवर्क स्थापित करने की भी मंजूरी दे दी। यह कदम टाटा कम्युनिकेशंस, आईटीसी और ब्रॉडबैंड इंडिया फोरम के सदस्यों जैसी गैर-मोबाइल सेवा कंपनियों के लिए बड़ी जीत है।  ब्रॉडबैंड इंडिया फोरम के सदस्यों में फेसबुक, गूगल और एमेजॉन आदि शामिल हैं। इन गैर-मोबाइल कंपनियों ने कैप्टिव रिमोट वायरलेस ​प्राइवेट ​नेटवर्क स्थापित करने को मंजूरी मांगी थी। तमाम देशों में ऐसा पहले ही हो रहा है।

First Published - June 16, 2022 | 12:33 AM IST

संबंधित पोस्ट