facebookmetapixel
केंद्र सरकार ने चीनी निर्यात पर लगाई मुहर, मोलासेस टैक्स खत्म होने से चीनी मिलों को मिलेगी राहतCDSCO का दवा कंपनियों पर लगाम: रिवाइज्ड शेड्यूल एम के तहत शुरू होंगी जांचें; अब नहीं चलेगी लापरवाहीपूर्वोत्तर की शिक्षा में ₹21 हजार करोड़ का निवेश, असम को मिली कनकलता बरुआ यूनिवर्सिटी की सौगातकेंद्र सरकार ने लागू किया डीप सी फिशिंग का नया नियम, विदेशी जहाजों पर बैन से मछुआरों की बढ़ेगी आयCorporate Action Next Week: अगले हफ्ते शेयर बाजार में स्प्लिट-बोनस-डिविडेंड की बारिश, निवेशकों की चांदीBFSI फंड्स में निवेश से हो सकता है 11% से ज्यादा रिटर्न! जानें कैसे SIP से फायदा उठाएं900% का तगड़ा डिविडेंड! फॉर्मिंग सेक्टर से जुड़ी कंपनी का निवेशकों को तोहफा, रिकॉर्ड डेट अगले हफ्तेDividend Stocks: निवेशक हो जाएं तैयार! अगले हफ्ते 40 से अधिक कंपनियां बांटेंगी डिविडेंड, होगा तगड़ा मुनाफाStock Split: अगले हफ्ते दो कंपनियां करेंगी स्टॉक स्प्लिट, छोटे निवेशकों के लिए बनेगा बड़ा मौकादेश में बनेगा ‘स्पेस इंटेलिजेंस’ का नया अध्याय, ULOOK को ₹19 करोड़ की फंडिंग

शेड्यूल एम लागू करने में हो सकती है देर

विशेषज्ञों ने चिंता जताई है कि मियाद बढ़ाई गई तो योजना लागू होने में और भी देर हो सकती है।

Last Updated- May 06, 2025 | 10:44 PM IST
Pharma Stocks

छोटी और मझोली दवा कंपनियों ने केंद्र सरकार से संशोधित शेड्यूल एम के मुताबिक उन्नयन योजना लागू करने की आखिरी तारीख तीन महीने और बढ़े का अनुरोध किया है। फिलहाल इसकी आखिरी तारीख 10 मई है। विशेषज्ञों ने चिंता जताई है कि मियाद बढ़ाई गई तो योजना लागू होने में और भी देर हो सकती है।

शेड्यूल एम में उत्पादन के अच्छे तौर तरीके निर्धारित किए गए हैं ताकि देश में बन रही दवाओं की गुणवत्ता अच्छी रहे। सरकार ने 250 करोड़ रुपये से कम कारोबार वाली छोटी दवा कंपनियों को शेड्यूल एम लागू करने के लिए इसी फरवरी में एक साल का वक्त और दे दिया। मगर मियाद में इस बढ़ोतरी का फायदा उठाने के लिए कंपनियों को अधिसूचना की तारीख से तीन महीने के भीतर यानी मई 2025 तक उन्नयन योजना जमा करने के लिए कहा गया।

दवा बनाने वाली एमएसएमई कंपनियों के संगठन कॉन्फेडरेशन ऑफ इंडियन फार्मास्यूटिकल इंडस्ट्री (सीआईपीआई) के चेयरमैन आरके जैन ने भारत के औषधि महानियंत्रक (डीसीजीआई) को पत्र लिखकर कहा कि आवेदन स्वीकार करने की अंतिम तिथि 3 महीने के लिए बढ़ाई जानी चाहिए क्योंकि छोटे विनिर्माता उन्नयन तो दूर खामियों की रिपोर्ट भी तय समय में नहीं दे सकते। इसलिए अंतिम तिथि 10 अगस्त करने का अनुरोध पत्र में किया गया।

आशिका समूह की विश्लेषक निराली शाह ने कहा कि वित्तीय और तकनीकी सहायता के साथ मियाद में बिना शर्त विस्तार की मांग बताती है कि एमएसएमई के लिए अनुपालन और बुनियादी ढांचा कितनी बड़ी चुनौती हैं। उन्होंने कहा कि मियाद बढाने से छोटी कंपनियों को राहत मिल सकती है मगर उनकी जवाबदेही कम नहीं होनी चाहिए। निराली ने कहा कि योजना चरणबद्ध तरीके से लागू की जा सकती है मगर समयसीमा का पालन होना चाहिए और निगरानी भी चलनी चाहिए।

बिज़नेस स्टैंडर्ड ने वह पत्र देखा है, जिसमें कहा गया है, ‘प्रस्तावित विस्तार से कई और निर्माताओं को संशोधित शेड्यूल एम के अनुसार अपना बुनियादी ढांचा बेहतर करने में मदद मिलेगी।’

First Published - May 6, 2025 | 10:31 PM IST

संबंधित पोस्ट