भारतीय आईटी सेवा कंपनियां जून तिमाही के लिए अपने राजस्व में 5 से 9 फीसदी की गिरावट दर्ज कर सकती हैं। संभावित सौदे बरकरार रहने के बावजूद इन कंपनियों के राजस्व में गिरावट आने की आशंका है।
उद्योग विश्लेषकों के अनुसार, लागत घटाने के तमाम उपायों के बावजूद भारतीय आईटी कंपनियों को मार्जिन के मोर्चे पर भी दबाव का सामना करना पड़ेगा। पहली तिमाही के वित्तीय नतीजों में इन कंपनियों के मुनाफे और नुकसान पर कोरोनावायरस वैश्विक महामारी का सबसे अधिक प्रभाव दिखेगा। ऐसे में यह तिमाही पिछले तीन वित्त वर्षों की सबसे खराब तिमाही हो सकती है।
शेयरखान के प्रमुख (अनुसंधान) संजीव होता ने कहा, ‘अधिकतर शीर्ष आईटी कंपनियों के राजस्व में पहली तिमाही के दौरान क्रमिक आधार पर 5 से 9 फीसदी की गिरावट दिखेगी। राजस्व में गिरावट की मुख्य वजह कमजोर मांग और बिलिंग में कमी होगी।’ होता ने कहा, ‘मार्जिन पर दबाव बढ़ जाएगा लेकिन गिरावट अधिक नहीं होगी क्योंकि विवेकाधीन खर्च में कमी, यात्रा लागत में कमी और वेतन वृद्धि को टाले जाने के कारण हुई बचत से मार्जिन में गिरावट को थामने में मदद मिलेगी। इसके अलावा पिछले तीन महीनों के दौरान रुपये में 4 फीसदी की गिरावट आई है जिससे आईटी कंपनियों को थोड़ी मदद मिलेगी।’ बाजार विश्लेषकों के अनुसार, टीसीएस और इन्फोसिस के राजस्व में पिछली तिमाही के मुकाबले 5 से 6 फीसदी की गिरावट दिख सकती है जबकि विप्रो और एचचसीएल टेक के राजस्व में
8 से 9 फीसदी की गिरावट आने की आशंका है।
जहां तक कारोबारी क्षेत्र का सवाल है तो यात्रा एवं आतिथ्य सेवा के साथ-साथ खुदरा एवं विनिर्माण क्षेत्रों में सबसे अधिक प्रभाव दिख सकता है। हालांकि बीएफएसआई (बैंक, वित्तीय सेवा एवं बीमा) और दूरसंचार में अधिक भागीदारी वाली कंपनियों पर अपेक्षाकृत कम प्रभाव दिखेगा। गौरतलब है कि अधिकतर बड़ी आईटी कंपनियां 35 फीसदी से अधिक राजस्व बीएफएसआई श्रेणी से जुटाती हैं।
जहां तक संभावित सौदों का सवाल है तो बाजार विशेषज्ञों का कहना है कि उसकी स्थिति दमदार बनी हुई है और उनमें कृत्रिम तेजी दिख रही है। पारीख कंसल्टिंग के संस्थापक पारीख जैन ने कहा, ‘अधिकतर सौदों की रफ्तार सामान्य से भी कम हो गई है और उसमें देरी हो रही है। ऐसे में आईटी कंपनियों को उसका फायदा मिलने में भी देरी होगी। यही कारण है कि आईटी कंपनियां काफी संभावित सौदे दिखा सकती हैं। लेकिन वृद्धि को खुद के बल पर रफ्तार नहीं मिल रही है।’
जैन ने यह भी कहा कि अधिकतर इंजीनियरिंग सेवा कंपनियों के राजस्व में भी पहली तिमाही के दौरान निचले दो अंकों में गिरावट दिख सकती है। इससे पहले एलऐंडटी टेक्नोलॉजिज सर्विसेज (एलटीटीएस) और टाटा एलेक्सी ने भी राजस्व में गिरावट के संकेत दिए थे।
जैन ने मौजूदा परिदृश्य में अनिश्चितता का उल्लेख करते हुए कहा कि पिछली तिमाही की ही तरह जून तिमाही में भी आईटी कंपनियां वित्त वर्ष 2021 के लिए कोई वृद्धि अनुमान जाहिर करने से परहेज कर सकती हैं। हालांकि अधिकतर बाजार विश्लेषकों का मानना है कि अधिकतर आईटी कंपनियों में कर्मचारियों के नौकरी छोडऩे की दर पहली तिमाही के दौरान घटेगी।
