अमेरिकी रिटेलर दिग्गज एमेजॉन के साथ संयुक्त उपक्रम मोर रिटेल में अपनी हिस्सेदारी बेचने की समारा कैपिटल की योजना को संभावित निवेशकों से सुस्त प्रतिक्रिया मिली है। मूल्यांकन में अंतर और किराना रिटेल कंपनी के नुकसान की वजह से निवेशकों ने इसमें कम दिलचस्पी दिखाई है।
बैंकरों का कहना है कि समारा 2 अरब डॉलर के संपूर्ण मूल्यांकन पर संयुक्त उपक्रम में 20 प्रतिशत हिस्सा बेचने की संभावना तलाश रही थी, लेकिन संभावित निवेशकों ने पर्याप्त दिलचस्पी नहीं दिखाई। कंपनी में जहां समारा की हिस्सेदारी 51 प्रतिशत है, वहीं बाकी एमेजॉन के पास है। प्रवर्तकों द्वारा अपनी कुछ हिस्सेदारी बेचने की योजना बनाने के बाद कंपनी आईपीओ लाने की भी संभावना तलाश रही थी।
समारा कैपिटल को सोमवार को भेजे गए ईमेल का अब तक कोई जवाब नहीं मिला है। दो सूत्रों के अनुसार समारा कैपिटल करीब एक साल से मोर रिटेल से निकलने की संभावना तलाश रही थी और उसने पिछले एक साल में गैर-मुनाफे वाले कई स्टोर बंद भी कर दिए थे।
एक अन्य अधिकारी ने कहा कि प्रवर्तक अब और निवेश करने को इच्छुक नहीं हैं और बाहर निकलने के लिए आईपीओ पर भी विचार किया गया था, लेकिन अब इसे छोड़ दिया गया है। कंपनी द्वारा पेश आंकड़ों के अनुसार, किराना एवं फूड रिटेल चेन को वित्त वर्ष 2023 में 4,507 करोड़ रुपये की शुद्ध बिक्री पर 550 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ।
मोर इस समय दो फॉर्मेट – मोर हाइपरमार्केट और मोर सुपरमार्केट- परिचालन करती है। मोर रिटेल की वेबसाइट के अनुसार, पूरे देश में उसके 41 हाइपरमार्केट और 872 सुपरमार्केट हैं। वर्ष 2019 में समारा कैपिटल ने आदित्य बिड़ला ग्रुप से 4,500 करोड़ रुपये में हाइपरमार्केट और सुपरमार्केट रिटेल चेन का अधिग्रहण किया था।
यह अधिग्रहण विटजिग एडवायजरी सर्विसेज के जरिये किया गया था, जिसमें एमेजॉन की 49 प्रतिशत हिस्सेदारी है। वित्त वर्ष 2023 में एमेजॉन और समारा कैपिटल दोनों ने मोर रिटेल में अतिरिक्त 300 करोड़ रुपये का निवेश किया था।