देश की दूसरी सबसे बड़ी आईटी सर्विसेज कंपनी इंफोसिस ने ऑस्ट्रेलिया की टेलीकॉम और टेक्नोलॉजी कंपनी टेल्स्ट्रा के साथ एक जॉइंट वेंचर का ऐलान किया है, जिसका मकसद एडवांस्ड AI क्षमताओं को मजबूत करना है। इस साझेदारी के तहत, इंफोसिस टेल्स्ट्रा की 100% सब्सिडियरी वर्सेंट ग्रुप में 75% हिस्सेदारी 153 मिलियन डॉलर (करीब ₹1,300 करोड़) में खरीदेगी। डील के बाद टेल्स्ट्रा के पास सिर्फ 25% हिस्सेदारी बचेगी और इंफोसिस को वर्सेंट ग्रुप का पूरा ऑपरेशनल कंट्रोल मिल जाएगा।
कंपनी ने कहा, “13 अगस्त 2025 को हुई बोर्ड मीटिंग में फैसला लिया गया कि वर्सेंट ग्रुप में 75% हिस्सेदारी खरीदी जाएगी। यह ऑस्ट्रेलिया की बड़ी डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन सेवाएं देने वाली कंपनी है और अभी पूरी तरह टेल्स्ट्रा की है।”
इस सौदे से वर्सेंट ग्रुप की क्लाउड और डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन की विशेषज्ञता, इंफोसिस की एआई, क्लाउड, डेटा और डिजिटल कंसल्टिंग सेवाओं को और बेहतर बनाएगी। कंपनी ने कहा कि इस साझेदारी में इंफोसिस टोपाज़, इंफोसिस कोबाल्ट और द मिसिंग लिंक की साइबरसिक्योरिटी तकनीक का इस्तेमाल होगा, ताकि ऑस्ट्रेलिया की कंपनियों और सरकारी संस्थानों का डिजिटल बदलाव तेज़ी से किया जा सके।
2024 में इंफोसिस और टेल्स्ट्रा ने कई सालों की पार्टनरशिप की थी, जिसका उद्देश्य सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट और आईटी सिस्टम को तेज़ करना और ग्राहकों का अनुभव बेहतर बनाना था। 2025 में इस पार्टनरशिप को और आगे बढ़ाया गया, ताकि नई तकनीक, लीडरशिप और टेल्स्ट्रा की “कनेक्टेड फ्यूचर 30” योजना को और मजबूती मिल सके।
Q1 में इंफोसिस का कंसोलिडेटेड नेट प्रॉफिट 8.7% बढ़कर ₹6,921 करोड़ हो गया, जो पिछले साल इसी तिमाही में ₹6,368 करोड़ था। हालांकि तिमाही दर तिमाही आधार पर मुनाफा 1.5% घटा, जबकि राजस्व 3.3% बढ़ा। कंपनी की ऑपरेशनल आय 7.53% बढ़कर ₹42,279 करोड़ हो गई।
13 अगस्त को इंफोसिस का शेयर NSE पर 0.16% या ₹2.30 बढ़कर ₹1,426.40 पर बंद हुआ।