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आईटी क्षेत्र की चुनौतियों को देखते हुए इन्फोसिस (Infosys) ने वित्त वर्ष 2024 के लिए स्थिर मुद्रा पर 4 से 7 फीसदी आय वृद्धि का अपना अनुमान घटाकर 1 से 3.5 फीसदी कर दिया है। कुछ सौदों में विलंब के कारण कंपनी ने आय वृद्धि के अनुमान में कटौती की है। मगर कंपनी ने वित्त वर्ष 2024 के लिए 20 से 22 फीसदी परिचालन मार्जिन का अपना अनुमान जस का तस रखा है।
चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में इन्फोसिस का शुद्ध मुनाफा पिछले साल की समान अवधि से करीब 11 फीसदी बढ़कर 5,945 करोड़ रुपये रहा। मगर जनवरी-मार्च 2023 तिमाही के मुकाबले इसमें 3 फीसदी कमी आई है। ब्लूमबर्ग ने 6,251 करोड़ रुपये मुनाफे का अनुमान लगाया था।
अप्रैल-जून 2023 में कंपनी की आय पिछले साल अप्रैल-जून के मुकाबले 10 फीसदी बढ़कर 37,933 करोड़ रुपये रही। मगर ठीक पिछली तिमाही की तुलना में कंपनी की आय केवल 1.3 फीसदी बढ़ी है। इसकी तुलना में टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस) की आय वित्त वर्ष 2024 की पहली तिमाही में 12.6 फीसदी बढ़कर 59,381 करोड़ रुपये रही थी।
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बड़े सौदों की बदौलत डॉलर मद में इन्फोसिस की आय साल भर पहले से 4.2 फीसदी और पिछली तिमाही के मुकाबले 1 फीसदी बढ़कर 4.6 अरब डॉलर रही। इन्फोसिस के मुख्य कार्याधिकारी और प्रबंध निदेशक सलिल पारेख ने कहा, ‘हमने पहली तिमाही में 4.2 फीसदी की मजबूत वृद्धि हासिल की और 2.3 अरब डॉलर के बड़े सौदों ने हमें भविष्य में वृद्धि की बुनियाद तैयार करने में मदद की है। जेनरेटिव एआई का भी विस्तार हुआ और इसके 80 सक्रिय ग्राहक हैं।’
भारतीय आईटी उद्योग बैंकिंग और हाईटेक जैसे क्षेत्रों में चुनौतियों का सामना कर रहा है और ऊंची महंगाई से जूझ रहे अमेरिका तथा यूरोप जैसे देशों में भी उसे मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। इसकी वजह से ग्राहकों ने गैर-जरूरी खर्चों में भी कटौती की है और सौदों पर निर्णय लेने में देरी हो रही है।
चालू वित्त वर्ष की अप्रैल-जून तिमाही में इन्फोसिस का परिचालन मार्जिन पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही के 20 फीसदी से बढ़कर 20.8 फीसदी रहा। हालांकि मार्च में खत्म हुई तिमाही में इसका परिचालन मार्जिन 21 फीसदी था। इन्फोसिस के मुख्य वित्त अधिकारी नीलांजन रॉय ने कहा, ‘लागत कम रखने पर लगातार जोर देने के कारण पहली तिमाही में परिचालन मार्जिन बेहतर बना रहा। कंपनी ने उत्पादकता बढ़ाने के उपाय अपनाकर तथा कर्मचारियों की क्षमता का अधिकतम उपयोग कर लागत घटाई है।’
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इन्फोसिस की आय में करीब आधा योगदान वित्तीय सेवाओं और रिटेल कारोबार का रहा। वित्तीय सेवाओं से कंपनी की आय पिछले साल की सामन तिमाही की तुलना में 4.2 फीसदी कम रही और जून तिमाही में कंपनी की कुल आय में इसका योगदान 28.1 फीसदी रहा। रिटेल सेगमेंट में कंपनी की आय 4 फीसदी बढ़ी और कुल आय में इसकी हिस्सेदारी 14.5 फीसदी रही। वित्त वर्ष 2024 की अप्रैल-जून तिमाही में कर्मचारियों की कंपनी छोड़ने की दर पिछले साल की समान तिमाही के 28.4 फीसदी से घटकर 17.3 फीसदी रही। मार्च तिमाही में यह 20.9 फीसदी थी। जून तिमाही में इन्फोसिस के कुल कर्मचारियों की संख्या 4,940 की कमी के साथ 3,36,294 रही।
गार्टनर में वरिष्ठ निदेशक (विश्लेषक) डीडी मिश्रा ने कहा कि बीते कुछ वर्षों में बड़े सौदों को सफलतापूर्वक हासिल करने की वजह से इन्फोसिस का प्रदर्शन मजबूत रहा है। मगर कंपनी को मांग के वर्तमान माहौल और मार्जिन बनाए रखने पर ध्यान देना होगा। कंपनी से वरिष्ठ कर्मचारियों के जाने और बढ़ती प्रतिस्पर्धा पर भी ध्यान देने की जरूरत है। इन्फोसिस को कुछ क्षेत्रों में ऑटोमेशन को अपनाने की भी जरूरत है। बंबई स्टॉक एक्सचेंज पर इन्फोसिस का शेयर आज 1.7 फीसदी गिरावट के साथ 1,448.85 रुपये पर बंद हुआ।