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क्या गर्मी में AC की हवा खाने के लिए जेब करनी पड़ेगी ढीली? एयर कंडीशनर कंपनियां क्यों दाम बढ़ाने पर कर रही है विचार

कंप्रेसर, कॉपर ट्यूब्स और क्वालिटी कंट्रोल गाइडलाइंस की कमी के कारण कीमतों में 1,500 रुपए से 2,000 रुपए तक की बढ़ोतरी होने की संभावना है।

Last Updated- March 09, 2025 | 7:07 PM IST
air conditioners
प्रतीकात्मक तस्वीर | फोटो क्रेडिट: Pexels

इस महीने तापमान में तेजी से बढ़ोतरी होने के कारण गर्मी का मौसम जल्दी शुरू होने के संकेत मिल रहे हैं, जिससे एयर कंडीशनर (AC) की बिक्री बढ़ने वाली है। लेकिन कंपनियों को उम्मीद है कि पार्ट्स की कमी के चलते इस साल AC की कीमतें 4-5 प्रतिशत तक बढ़ेंगी। हायर (Haier) और ब्लूस्टार (Bluestar) जैसे बड़े ब्रांड्स और ईपैक ड्यूरेबल्स (EPack Durables) जैसे सप्लायर्स ने आने वाले महीनों में मांग में 25-30 प्रतिशत की बढ़ोतरी को पूरा करने के लिए अपनी उत्पादन क्षमता बढ़ा दी है।

कंप्रेसर, कॉपर ट्यूब्स और क्वालिटी कंट्रोल गाइडलाइंस की कमी के कारण कस्टमर्स के लिए,कीमतों में 1,500 रुपए से 2,000 रुपए तक की बढ़ोतरी होने की संभावना है। इंडस्ट्री के जानकारों का कहना है कि कंपनियां उत्पादन लागत में बढ़ोतरी का बोझ अंतत: कस्टमर्स पर डाल सकती हैं। ब्लूस्टार ने इस साल फरवरी में अपनी कीमतें 3 प्रतिशत बढ़ा दी हैं जबकि हायर डॉलर की कीमत में भारी उतार-चढ़ाव के आधार पर 4-5 प्रतिशत की बढ़ोतरी पर विचार कर रहा है।

ब्लूस्टार के मैनेजिंग डायरेक्टर बी थियागराजन ने बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया, “पिछले साल हमने 57 प्रतिशत की अभूतपूर्व बढ़ोतरी देखी। इस साल हम AC यूनिट्स की बिक्री में 25 प्रतिशत बढ़ोतरी की उम्मीद कर रहे हैं। पिछले साल इंडस्ट्री ने लगभग 15 मिलियन यूनिट्स बेचे, जिनमें से हमने 1.5 मिलियन बेचे। इस साल हम 1.75 मिलियन यूनिट्स की बिक्री की उम्मीद करते हैं।” उन्होंने कहा कि कंपनी इस साल अपने विज्ञापन खर्च को बढ़ाकर 60 करोड़ रुपए कर रही है। इसके अलावा कंपनी ने नवाचार, अनुसंधान और विकास पर खर्च को 40 करोड़ रुपए से बढ़ाकर 51 करोड़ रुपए कर दिया गया है। इसके अलावा कंपनियां अपने प्रोडक्ट्स में AI को भी शामिल करने पर काम कर रही है।

थियागराजन ने कहा, “यह ग्राहकों को बेहतर अनुभव देने के लिए किया जा रहा है। अब कस्टमर AI से लैस्ड डिवाइस चाहते हैं जो उनकी ठंडक की जरूरतों को समझ सकें। हम इसपर भी काम कर रहे हैं कि कैसे AC अत्यधिक गर्मी में भी ठंडक बनाए रख सकते हैं और ऊर्जा की बचत कर सकते हैं।”

मांग बढ़ेगी, कंपनियां तैयार

देश का तीसरा सबसे बड़ा घरेलू उपकरण निर्माता हायर AC मार्केट में लगभग 10 प्रतिशत हिस्सेदारी रखता है। कंपनी आने वाले समय में मांग में बढ़ोतरी को पूरा करने के लिए अपनी क्षमता बढ़ा रही है। कंपनी ने अपनी AC मैन्युफैक्चरिंग क्षमता का विस्तार किया है और ग्रेटर नोएडा प्लांट में एक नई इंजेक्शन मोल्डिंग फैसिलिटी शुरू की है। 2025 में, कंपनी 110 करोड़ रुपए का निवेश एक नई PCBA फैक्ट्री के लिए करेगी, और आगे 700 करोड़ रुपए की एक एयर कंडीशनर फैक्ट्री शुरू करने की योजना बना रही है, जो दिसंबर 2026 में चालू होगी। इससे उनकी मौजूदा 1.5 मिलियन यूनिट्स की क्षमता में 2.5 मिलियन यूनिट्स और जुड़ जाएंगी, जिससे कंपनी की कुल क्षमता 4 मिलियन यूनिट्स हो जाएगी।

हायर अप्लायंसेज के प्रेसिडेंट एन एस सतीश ने कहा, “भारत में AC मार्केट में अभी कम कंपनियां घुसी हैं। लेकिन यह सेगमेंट अनिश्चित मौसम, बढ़ती डिस्पोजेबल इनकम और तकनीकी नवाचारों के कारण बढ़ता रहेग।”

मार्च में, हायर ने सेकेंडरी सेल्स और एयर कंडीशनर की इंस्टॉलेशन में 50 प्रतिशत से अधिक की बढ़ोतरी देखी है, जो आगे और बढ़ने की उम्मीद है। उन्होंने कहा, “हमें उम्मीद है कि इस साल मार्केट कम से कम 15 प्रतिशत बढ़ेगा। भारतीय मार्केट का स्पष्ट लाभ है और हम अपनी इन-हाउस मैन्युफैक्चरिंग और शुरुआती निवेश का उपयोग इस अवसर को भुनाने के लिए करेंगे।”  कुल मिलाकर, कंपनी इस साल 11,500 करोड़ रुपए का राजस्व हासिल करने की उम्मीद करती है, जो 2024 में 8,900 करोड़ रुपए था।

वोल्टास और ब्लूस्टार जैसे बड़े ब्रांड्स के लिए AC बनाने वाली कंपनी ईपैक ड्यूरेबल्स ने कहा कि कंप्रेसर की कमी, कॉपर जैसी कमोडिटी की बढ़ती कीमतें, और चीनी निर्यातकों के लिए हाल ही में शुरू किए गए क्वालिटी कंट्रोल ऑर्डर के तहत BIS सर्टिफिकेशन के नवीनीकरण में देरी के कारण कुछ समस्याएं हुई हैं।

ईपैक ड्यूरेबल्स के MD और CEO अजय सिंघानिया ने बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया, “इससे कस्टमर के लिए AC की कीमत 1,000-1,200 रुपए तक बढ़ने की उम्मीद है। हम इस साल 20-25 प्रतिशत की बढ़ोतरी की उम्मीद करते हैं, जो अत्यधिक मौसम और दिसंबर में भी लगातार मांग के कारण है। दिसंबर में आमतौर पर AC बिक्री के लिए धीमा समय होता है।” कंपनी अपने तीन प्लांट्स देहरादून, राजस्थान, और श्री सिटी (आंध्र प्रदेश) में 2.5 मिलियन AC सेट बनाती है। सिंघानिया को उम्मीद है कि इस साल इंडस्ट्री करीब 18 मिलियन AC सेट बेचेगा, जो पिछले साल के लगभग 14 मिलियन से अधिक है। इंडस्ट्री के अनुमानों के अनुसार, देश में सालाना लगभग छह मिलियन कंप्रेसर बनते हैं, जो अनुमानित जरूरत 10 मिलियन यूनिट्स से काफी कम है।

इस बीच, AC के लगभग 35 प्रतिशत पार्ट्स चीन से मंगाए जाते हैं। तीन चीनी सप्लायर्स  वानबाओ ग्रुप (रेफ्रिजरेटर कंप्रेसर), अनहुई मेइझी कंप्रेसर कंपनी और हाइली ग्रुप के शंघाई प्लांट के BIS अप्रूवल अगले चार महीनों में खत्म हो रहे हैं।

इंडस्ट्री से जुड़े एक सूत्र ने नाम न छापने की शर्त पर बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया, “सादे कॉपर ट्यूब्स की मांग को पूरा न कर पाने का असर एयर कंडीशनर और अन्य कूलिंग यूनिट्स की कीमतों पर पड़ेगा। AC मैन्युफैक्चरिंग इंडस्ट्री को लगभग 28,000 करोड़ रुपए का नुकसान हो रहा है।”

उन्होंने आगे कहा, “इन समस्याओं को कम करने के लिए, सरकार के लिए जरूरी हो जाता है कि सादे कॉपर ट्यूब्स के लिए QCO अनुपालन की समय सीमा को एक साल बढ़ा दे। इससे घरेलू निर्माताओं को अपनी उत्पादन क्षमता बढ़ाने और अच्छी क्वालिटी वाले कॉपर ट्यूब्स की स्थिर आपूर्ति सुनिश्चित करने का समय मिलेगा।” हालांकि, रिटेलर्स को मजबूत सीजन की उम्मीद है।

विजय सेल्स के MD नीलेश गुप्ता ने कहा, “पिछला सीजन शानदार रहा था, जिसमें 35-40 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी। इस सीजन में, हम ऊंचे आधार पर AC के लिए सिंगल-डिजिट वृद्धि की उम्मीद कर रहे हैं। रेफ्रिजरेटर और रूम कूलर्स के लिए भी, हमें 10 प्रतिशत बिक्री वृद्धि की उम्मीद है।”

First Published - March 9, 2025 | 7:07 PM IST

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