facebookmetapixel
भारत के लिए उड़ान, चीन की 2 और कंपनियों का अरमानEditorial: सुप्रीम कोर्ट का पिछला फैसला वापस, पर्यावरण मंजूरियों पर फिर खुली बहसकर्नाटक में कांग्रेस का सियासी संग्राम तेज, सिद्धरमैया–शिवकुमार नेतृत्व विवाद पर बढ़ी हलचलHDFC AMC को बड़ा झटका: वरिष्ठ फंड मैनेजर रोशनी जैन ने अपने पद से दिया इस्तीफाराजस्व में गिरावट के बावजूद ग्रो का तिमाही लाभ 12% बढ़ा, सक्रिय यूजर्स में दिखी मजबूत बढ़तअमुंडी ने जताई विदेशी निवेश की मजबूत वापसी की उम्मीद, भारतीय शेयरों में नया उछाल संभवजलवायु संकट से निपटने के लिए सिर्फ वादों से नहीं चलेगा काम, ठोस कदम उठाने की जरूरतसूचकांकों में रीट्स को शामिल करने की संभावना तलाश रहा SEBI, रियल एस्टेट बाजार में बढ़ी हलचलपीएसयू बैंक इंडेक्स ने भरी उड़ान, लेकिन प्राइवेट फोकस वाले एक्टिव बैंकिंग फंड बुरी तरह पिछड़ेनीतीश ने 20 साल बाद छोड़ा गृह विभाग, सम्राट चौधरी को मिली सबसे बड़ी जिम्मेदारी; वित्त मंत्रालय JDU के खाते में

Textile Park: कानपुर में बनेगा भारत का पहला टेक्सटाइल मशीन पार्क, अब यहीं बनेंगी हाईटेक मशीनें

टेक्सटाइल मशीन पार्क का निर्माण कानपुर में भोगनीपुर के करीब चपरघटा गांव में 875 एकड़ जमीन पर किया जाएगा।

Last Updated- March 26, 2025 | 8:13 PM IST
textile industry
प्रतीकात्मक फोटो

उत्तर प्रदेश में बन रहे टेक्सटाइल पार्क में स्थापित हो रही इकाइयों को मशीनें भी प्रदेश में ही उपलब्ध हो सकेंगी। राजधानी लखनऊ की सीमा पर बन रहे टेक्सटाइल एवं अपैरल पार्क के साथ ही कानपुर में टेक्सटाइल उद्योग के लिए मशीन बनाने का पार्क भी स्थापित किया जा रहा है। यह देश का पहला टेक्सटाइल मशीन पार्क होगा, जिसे प्रदेश सरकार निजी-सार्वजनिक सहभागिता के आधार पर विकसित करेगी।

टेक्सटाइल मशीन पार्क का निर्माण कानपुर में भोगनीपुर के करीब चपरघटा गांव में 875 एकड़ जमीन पर किया जाएगा। इस पार्क में टेक्सटाइल निर्माण में उपयोग आने वाली मशीनें बनाने की 200 से ज्यादा इकाइयां लग सकेंगी। प्रदेश के एमएसएमई मंत्री राकेश सचान के मुताबिक अब इस क्षेत्र से जुड़ी मशीनों का आयात चीन, कोरिया व यूरोप से किया जाता है, जिनमें फ्लैट निटिंग मशीन, प्रिंटिंग मशीन, सिलाई मशीन, पेशेंट गाउन व सर्कुलर निटिंग मशीन शामिल हैं। अब इनका निर्माण उत्तर प्रदेश में ही हो सकेगा। इस मशीन पार्क से 1.5 लाख लोगों को परोक्ष या अपरोक्ष रूप से रोजगार मिल सकेगा।

उन्होंने बताया कि इसका सबसे बड़ा फायदा राजधानी लखनऊ में बन रहे टेक्सटाइल पार्क को होगा। टेक्सटाइल मशीन पार्क में निवेश के लिए विदेशी कंपनियों से भी बातचीत चल रही है। पीपीपी मोड पर बनने वाले इस पार्क से मशीनों की लागत 40 फीसदी तक कम होगी। एमएसएमई मंत्री ने कहा कि टेक्सटाइल मशीनों की मरम्मत के लिए कुशल विशेषज्ञ भी यहां से प्रशिक्षण लेकर तैयार होंगे।

गौरतलब है कि राजधानी लखनऊ व हरदोई जिले की सीमा पर 1000 एकड़ क्षेत्रफल में बन रहे पीएम मित्र टेक्सटाइल पार्क लखनऊ में इकाइयां स्थापित करने के लिए प्रदेश सरकार ने 83 एमओयू पर हस्ताक्षर किए हैं। प्रदेश में अब तक वस्त्र उद्योग के क्षेत्र में कुल 1000 एमओयू पर हस्ताक्षर हो चुके हैं, जिनमें से 225 ग्राउंड ब्रेकिंग के लिए तैयार हैं। इन इकाइयों में 6000 करोड़ रुपये से अधिक के निवेश के साथ 50000 लोगों को रोजगार मिल सकेगा। मार्केट की डिमांड के अनुसार पीएम मित्र पार्क एक ही स्थान पर बुनाई, रंगाई, छपाई, पैकेजिंग तथा डिजाइनिंग आदि की सुविधा प्रदान करेगा।

औद्योगिक विकास विभाग के अधिकारियों के मुताबिक उत्तर प्रदेश वस्त्र उत्पादन में 13 फीसदी योगदान के साथ देश में तीसरे स्थान पर है। वर्तमान में इसके माध्यम से 20 हजार लोगों को रोजगार प्राप्त हो रहा है। इस क्षेत्र में शोध व प्रशिक्षण के लिए एनआईएफटी रायबरेली, टेक्सटाइल टेक्नोलॉजी इंस्टीट्यूट कानपुर, इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ अपैरल टेक्नोलॉजी वाराणसी आदि संस्थानों की स्थापना की गई है।

First Published - March 26, 2025 | 8:05 PM IST

संबंधित पोस्ट