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Smartphone Export: भारत से स्मार्टफोन निर्यात में रिकॉर्ड बढ़त, डीजल ईंधन को पीछे छोड़ने की तैयारी

2025 में अप्रैल-नवंबर के बीच 13.1 अरब डॉलर के स्मार्टफोन निर्यात। आईफोन का 66% योगदान, पीएलआई योजना से उत्पादन में तेजी।

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सुरजीत दास गुप्ता   
Last Updated- January 22, 2025 | 10:56 PM IST

देश से स्मार्टफोन का निर्यात लगातार बढ़ रहा है। एचएस कोड आधारित श्रेणियों में देश से निर्यात किए जाने वाले उत्पादों के मामले में स्मार्टफोन दूसरे स्थान पर पहुंच गया है। इसके निर्यात की रफ्तार ऐसी ही बनी रही तो यह डीजल ईंधन निर्यात को पीछे छोड़कर शीर्ष पर काबिज हो सकता है। एचएस कोड या हार्मनाइज्ड सिस्टम कोड डब्ल्यूटीओ के अंतरराष्ट्रीय व्यापार के लिए उत्पादों को वर्गीकृत करने की मानक प्रणाली है।

वाणिज्य मंत्रालय के आंकड़ों से पता चलता है कि वित्त वर्ष 2025 में अप्रैल से नवंबर के दौरान 13.1 अरब डॉलर मूल्य के स्मार्टफोन का निर्यात किया गया, जिससे एचएस श्रेणी में भारत से सबसे ज्यादा निर्यात किए जाने वाले उत्पाद में यह दूसरे पायदान पर पहुंच गया है। वित्त वर्ष 2025 के पहले 8 महीनों में इससे पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि की तुलना में 46 फीसदी ज्यादा स्मार्टफोन निर्यात किए गए। वित्त वर्ष 2024 के पहले आठ महीनों में 8.9 अरब डॉलर मूल्य के स्मार्टफोन का निर्यात किया गया है।

वाणिज्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार वित्त वर्ष 2024 में अप्रैल से नवंबर के दौरान देश से निर्यात के मामले में स्मार्टफोन चौथे स्थान पर था लेकिन वित्त वर्ष 2025 में इसी दौरान यह दूसरे स्थान पर पहुंच गया। उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना के सहारे ऐपल इंक ने देश में आईफोन का उत्पादन और यहां से निर्यात बढ़ाया है। वित्त वर्ष 2025 के पहले 8 महीनों में देश से निर्यात किए गए कुल स्माअर्फोन में आईफोन की हिस्सेदारी दो-तिहाई रही।

बीते कई वर्षों से वाहन डीजल ईंधन देश से निर्यात के मामले में शीर्ष पर बना हुआ है। वित्त वर्ष 2023 के अप्रैल-नवंबर के दौरान डीजल ईंधन और स्मार्टफोन निर्यात के बीच 10 अरब डॉलर का अंतर था मगर वित्त वर्ष 2025 के अप्रैल-नवंबर में यह फासला घटकर 40 करोड़ डॉलर रह गया। वित्त वर्ष 2028-19 में महज 1.6 अरब डॉलर मूल्य के स्मार्टफोन का निर्यात होता था और एचएस कोड श्रेणी में देश से बाहर भेजे जाने वाले उत्पादों में यह 23वें स्थान पर था।

मगर इसके दो साल बाद सरकार ने पीएलआई योजना की घोषणा की जिसने ऐपल के लिए ठेके पर आईफोन बनाने वाली फॉक्सकॉन, पेगाट्रॉन और विस्ट्रॉन जैसी दिग्गज फर्मों को देश में विनिर्माण करने के लिए आकर्षित किया। ये कंपनियां भारत में कारखाना लगाकर बड़े पैमाने पर आईफोन का उत्पादन कर रही हैं। इसके अलावा सैमसंग ने भी देश से अपना निर्यात बढ़ाया है।

वित्त वर्ष 2020 में पीएलआई योजना की शुरुआत में निर्यात के मामले में स्मार्टफोन 14वें स्थान पर था और उस समय कुल 2.9 अरब डॉलर के स्मार्टफोन का निर्यात हुआ था। दो साल के अंदर ही स्मार्टफोन का निर्यात बढ़कर 5.7 अरब डॉलर पर पहुंच गया। वित्त वर्ष 2023 में स्मार्टफोन का निर्यात बढ़कर 11 अरब डॉलर हो गया और कुल निर्यात के मामले में यह 5वें स्थान पर पहुंच गया।

First Published : January 22, 2025 | 10:56 PM IST