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Tata Capital IPO vs LG IPO: अगले हफ्ते होगी साल के दो सबसे बड़े IPO की लिस्टिंग, क्या नया रिकॉर्ड बनाएंगे टाटा और एलजी?

मुंबई के ग्रे मार्केट में शुक्रवार को एलजी इलेक्ट्रॉनिक्स के शेयर अपने इश्यू प्राइस से करीब 30% ऊपर ट्रेड कर रहे थे, जबकि टाटा कैपिटल का भाव थोड़ा ऊपर था।

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बीएस वेब टीम   
एजेंसियां   
Last Updated- October 12, 2025 | 8:44 AM IST

Tata Capital IPO vs LG IPO: टाटा कैपिटल लिमिटेड और एलजी इलेक्ट्रॉनिक्स इंडिया लिमिटेड अगले हफ्ते शेयर बाजार में लिस्ट होने जा रही हैं। इन दोनों कंपनियों की लिस्टिंग को देश के सबसे बड़े आईपीओ में से एक माना जा रहा है, जो भारत के तेजी से बढ़ते इक्विटी कैपिटल मार्केट की मजबूती की परीक्षा लेगी।

टाटा कैपिटल का सोमवार को और एलजी इलेक्ट्रॉनिक्स का मंगलवार को डेब्यू

टाटा ग्रुप की इस नॉन-बैंकिंग फाइनेंस कंपनी (NBFC) ने 15,500 करोड़ रुपये जुटाए हैं, जो इस साल का सबसे बड़ा आईपीओ है। इसके शेयर सोमवार (13 अक्टूबर) को लिस्ट होंगे। वहीं, दक्षिण कोरिया की एलजी इलेक्ट्रॉनिक्स की भारतीय इकाई मंगलवार (14 अक्टूबर) को लिस्ट होगी। एलजी का आईपीओ पिछले 17 साल में अपने आकार का सबसे ज्यादा सब्सक्राइब हुआ इश्यू रहा।

भारत बना ग्लोबल फंडरेजिंग का हब

इन दोनों बड़ी लिस्टिंग्स से भारत की पहचान एक ग्लोबल फंडरेजिंग सेंटर के तौर पर और मजबूत हो रही है। घरेलू तरलता और बढ़ते रिटेल निवेशकों की वजह से भारत पिछले दो वर्षों में दुनिया के सबसे सक्रिय आईपीओ बाजारों में शामिल हो गया है। अक्टूबर महीना अब तक का सबसे व्यस्त आईपीओ महीना साबित हो सकता है, जिसमें कुल जुटाव 5 अरब डॉलर (लगभग ₹42,000 करोड़) से अधिक रहने की उम्मीद है।

सफल लिस्टिंग से बढ़ेगा निवेशकों का भरोसा

मार्केट विशेषज्ञों का कहना है कि अगर टाटा कैपिटल या एलजी में से किसी एक की लिस्टिंग मजबूत रहती है, तो यह आने वाले महीनों में बड़ी कंपनियों को भी बाजार में उतरने के लिए प्रेरित करेगी। लेकिन अगर प्रदर्शन कमजोर रहा, तो इससे बाजार की धारणा पर असर पड़ सकता है।

ग्रे मार्केट में अच्छा संकेत

मुंबई के ग्रे मार्केट में शुक्रवार को एलजी इलेक्ट्रॉनिक्स के शेयर अपने इश्यू प्राइस से करीब 30% ऊपर ट्रेड कर रहे थे, जबकि टाटा कैपिटल का भाव थोड़ा ऊपर था। विश्लेषकों के मुताबिक, इश्यू प्राइस के हिसाब से दोनों कंपनियों के शेयर अभी भी अपने स्थानीय प्रतिस्पर्धियों की तुलना में सस्ते हैं।

एलजी को मिला जबरदस्त रिस्पॉन्स

एलजी के आईपीओ को 54 गुना ज्यादा बोलियां मिलीं, जो 2008 में रिलायंस पावर के बाद से सबसे ज्यादा है। अबू धाबी, नॉर्वे और सिंगापुर के सॉवरेन वेल्थ फंड्स के साथ ब्लैकरॉक और फिडेलिटी जैसे बड़े निवेशकों ने भी इसमें भाग लिया।

दूसरी ओर, टाटा कैपिटल के आईपीओ को दो गुना बोलियां मिलीं, जिनमें ज्यादातर निवेश संस्थागत निवेशकों की थीं। इसके एंकर निवेशकों में मॉर्गन स्टैनली, गोल्डमैन सैक्स और नोमुरा जैसी फर्में शामिल थीं।

बड़ी एनबीएफसी के क्लब में शामिल होगी टाटा कैपिटल

लिस्टिंग के बाद टाटा कैपिटल भारत की चौथी सबसे बड़ी शैडो लेंडर बन जाएगी — बजाज फाइनेंस, बजाज फिनसर्व और जियो फाइनेंशियल सर्विसेज के बाद। हालांकि यह इश्यू उस समय आया जब एनबीएफसी सेक्टर में बढ़ते एनपीए और आर्थिक सुस्ती को लेकर चिंता बनी हुई थी।

आईपीओ मार्केट में फिर जोश

इन दोनों इश्यूज के बाद भारत में इस साल आईपीओ से जुटाई गई कुल रकम 15 अरब डॉलर से अधिक पहुंच जाएगी। आने वाले महीनों में कैनरा बैंक के जॉइंट वेंचर्स, आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल एएमसी, पाइन लैब्स और लेंसकार्ट जैसी कंपनियां भी पब्लिक इश्यू लाने की तैयारी में हैं।

रेगुलेटरी सपोर्ट से मिला बढ़ावा

सेबी और आरबीआई ने हाल ही में ऐसे कई नियमों में ढील दी है, जिनसे बड़ी निजी कंपनियों के लिए शेयर बाजार में आने का रास्ता आसान हुआ है। विश्लेषकों के अनुसार, मौजूदा रफ्तार के चलते भारत का आईपीओ मार्केट इस साल दुनिया में चौथे स्थान से ऊपर पहुंच सकता है।

निफ्टी के कमजोर प्रदर्शन के बावजूद आईपीओ में उत्साह

हालांकि इस साल निफ्टी 50 इंडेक्स एशिया के कई बाजारों से कमजोर रहा है और विदेशी निवेशक भारतीय शेयरों से पैसा निकाल रहे हैं, लेकिन आईपीओ बाजार में उत्साह बरकरार है।मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर रजत रजगढ़िया ने कहा, “टाटा कैपिटल और एलजी जैसी बड़ी कंपनियों की सफल लिस्टिंग से यह संदेश जाएगा कि भारत का बाजार अब इतना गहरा और मजबूत हो चुका है कि वह बड़ी डील्स को आसानी से समेट सकता है।”

First Published : October 12, 2025 | 8:41 AM IST