निजी कॉरपोरेट क्षेत्र के विभिन्न खंडों ने इस वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में बेहतर प्रदर्शन किया। भारतीय रिजर्व बैंक की सोमवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक इस तिमाही में सूचीबद्ध गैर वित्तीय कंपनियों का संचालन लाभ मार्जिन क्रमिक रूप से 50 आधार अंक बढ़कर 16.2 प्रतिशत हो गया।
वित्त वर्ष 25 की तीसरी तिमाही में सूचीबद्ध निजी गैर वित्तीय कंपनियों की बिक्री 8 प्रतिशत (सालाना) बढ़ी थी जबकि इसमें बीती तिमाही में 5.4 प्रतिशत और बीते साल की इस तिमाही में 5.5 प्रतिशत का इजाफा हुआ था।
इसमें सूचीबद्ध 1,675 निजी विनिर्माण कंपनियों की बिक्री में 7.7 प्रतिशत की वृद्धि हुई और इसमें इजाफा मुख्य तौर पर वाहन, रसायन, खाद्य उत्पादों और बिजली मशीनरी उद्योग की अधिक बिक्री के कारण हुआ था। हालांकि पेट्रोलियम, आयरन व स्टील और सीमेंट उद्योग का सालाना बिक्री राजस्व गिरा था।
वित्त वर्ष 25 की तीसरी तिमाही में सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) से जुड़ी कंपनियों की बिक्री में 6.8 प्रतिशत (सालाना) इजाफा हुआ जबकि गैर आईटी कंपनियों की बिक्री में 11.5 प्रतिशत (सालाना) की जबरदस्त वृद्धि दर्ज हुई।
इन कंपनियों ने बीते वर्ष के शानदार प्रदर्शन को कायम रखा। विनिर्माण कंपनियों का कच्चे सामग्री पर खर्च 6.3 प्रतिशत (सालाना) बढ़ा और यह बिक्री की मांग के अनुरूप था। हालांकि विनिर्माण कंपनियों की स्टाफ की लागत कहीं अधिक 9.5 प्रतिशत बढ़ी। स्टॉफ की लागत आईटी कंपनियों में 5.0 प्रतिशत और गैर आईटी सेवा कंपनियों में 12.4 प्रतिशत बढ़ी थी।