प्रमुख विदेशी बाजारों में मांग के कारण रिफाइंड पेट्रोलियम उत्पादों के निर्यात में वृद्धि जारी है। पेट्रोलियम प्लानिंग ऐंड एनॉलिसिस सेल (पीपीएसी) द्वारा जारी ताजा आंकड़ों के मुताबिक अक्टूबर में निर्यात 12.7 प्रतिशत बढ़ा है। इस महीने में रिफाइंड पेट्रोलियम उत्पादों का निर्यात बढ़कर 51 लाख टन हो गया है, जिससे भारत के निर्यातकों की 3.3 अरब डॉलर कमाई हुई है।
वित्त वर्ष 2025 के शुरुआती 7 महीनों में इस श्रेणी में निर्यात 4.2 प्रतिशत बढ़कर 368 लाख टन रहा है। पेटकोक, पेट्रोल और विमान ईंधन के निर्यात में वृद्धि के कारण ऐसा हुआ है। इन आंकड़ों से नीति निर्धारकों को राहत मिलेगी, जो अधिक आपूर्ति, चीन को आपूर्ति घटने व अन्य वजहों से 2024 के आखिरी महीनों में निर्यात में गिरावट की उम्मीद कर रहे थे।
पेट्रोलियम निर्यात करने वाले देशों (ओपेक) द्वारा उत्पादन में कटौती जारी रखने के बावजूद वैश्विक आपूर्ति बढ़ी है। पिछले सप्ताह इंटरनैशनल एनर्जी एजेंसी ने कहा था कि तेल की वैश्विक आपूर्ति 2,90,000 बैरल प्रति दिन बढ़कर 1,029 लाख बैरल प्रति दिन हो गई, क्योंकि लीबियाई तेल के बाजार में वापस आने से कजाख और ईरानी आपूर्ति में कमी की भरपाई हो गई।
अक्टूबर में कच्चे तेल का आयात 4.27 प्रतिशत बढ़कर 195 लाख टन हो गया, जो अक्टूबर, 2023 में 187 लाख टन था। इससे पता चलता है कि आपूर्ति में कोई कमी नहीं है।