Nasscom on Karnataka”s job reservation bill: सूचना प्रौद्योगिकी (IT) कंपनियों के शीर्ष निकाय नैसकॉम ने कर्नाटक में निजी क्षेत्र में स्थानीय लोगों के लिए आरक्षण को अनिवार्य करने वाले विधेयक पर निराशा और चिंता जतायी है। संगठन ने राज्य सरकार से इस विधेयक को वापस लेने का आग्रह किया है।
नैसकॉम की असहमति महत्वपूर्ण है। यह उद्योग जगत के इस मामले को लेकर विरोध की आवाज को मजबूत बनाता है। उद्योग ने चेतावनी दी है कि यह कानून प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में राज्य की बढ़त को खत्म कर देगा और अबतक हुई प्रगति को समाप्त कर देगा। संगठन ने चिंताओं पर चर्चा करने और ‘राज्य की प्रगति को पटरी से उतरने से रोकने’ के लिए प्रदेश के अधिकारियों के साथ तत्काल बैठक का आग्रह किया है।
IT कंपनियों के निकाय ने बयान में कहा, ‘‘नैसकॉम के सदस्य इस विधेयक के प्रावधानों को लेकर काफी चिंतित हैं और राज्य सरकार से विधेयक को वापस लेने का आग्रह करते हैं। विधेयक के प्रावधान इस प्रगति को उलटने, कंपनियों को दूर करने और स्टार्टअप को दबाने की चेतावनी हैं। यह कदम ऐसे समय उठाया गया है जब अधिक-से-अधिक वैश्विक कंपनियां राज्य में निवेश पर विचार कर रही हैं।’
प्रौद्योगिकी क्षेत्र राज्य के सकल घरेलू उत्पाद (GDP) में 25 प्रतिशत का योगदान देता है। राज्य में देश की एक चौथाई डिजिटल प्रतिभाएं काम कर रही हैं। इसमें 11,000 से अधिक स्टार्टअप हैं और कुल वैशिक कंपनियों का 30 प्रतिशत है। नैसकॉम ने दलील दी कि इससे कंपनियां दूसरे स्थानों पर जाने को मजबूर हो सकती हैं।
उद्योग संगठन ने कहा कि वैश्विक स्तर पर कुशल प्रतिभाओं की भारी कमी है और कर्नाटक कोई अपवाद नहीं है। नैसकॉम ने अफसोस जताया कि इस तरह के विधेयक को देखना परेशान करने वाला है। यह न केवल उद्योग के विकास में बाधा डालेगा बल्कि नौकरियों और राज्य के वैश्विक ब्रांड को भी प्रभावित करेगा।
कर्नाटक मंत्रिमंडल ने राज्य के उद्योगों, कारखानों और अन्य प्रतिष्ठानों में स्थानीय उम्मीदवारों के लिए रोजगार विधेयक, 2024 को सोमवार को मंजूरी दे दी। इसमें निजी क्षेत्र में स्थानीय लोगों के लिए प्रबंधन पदों पर 50 प्रतिशत और गैर-प्रबंधन पदों पर 75 प्रतिशत पदों को आरक्षित करने का प्रावधान है। इस विधेयक का उद्योग जगत विरोध कर रहा है। उद्योग जगत के दिग्गज मोहनदास पई ने विधेयक को ‘प्रतिगामी’ कदम बताया है।