भारत में पिछले साल जून के मुकाबले इस साल जून में ईंधन की खपत 2.6% बढ़कर 19.99 मिलियन मीट्रिक टन हो गई है। ये जानकारी सरकारी तेल मंत्रालय के पेट्रोलियम प्लानिंग एंड एनालिसिस सेल ने दी है।
क्यों महत्वपूर्ण है यह बढ़ोतरी?
भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा तेल आयातक और उपभोक्ता देश है। ये आंकड़ा देश की तेल मांग का एक संकेतक है, जो देश की आर्थिक गतिविधियों और ऊर्जा की खपत का आकलन करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
आर्थिक विकास और टूरिज्म: इंडिया रेटिंग एंड रिसर्च (ICRA) के उपाध्यक्ष और को-हेड प्रशांत वशिष्ठ ने कहा कि भारत में आर्थिक विकास मजबूत रहा है और टूरिस्ट गतिविधियां भी काफी बढ़ी हैं। विमान ईंधन की खपत में धीरे-धीरे सुधार हो रहा है।
बिजली क्षेत्र में सुधार: बिजली क्षेत्र में सप्लाई अधिक रेगुलर हो गई है, जिससे खेती और कृषि क्षेत्र को अच्छी सप्लाई हो रही है और इससे डीजल पर निर्भरता भी कम हुई है।
आंकड़ों में ईंधन खपत:
कुल ईंधन खपत: जून में कुल ईंधन खपत 1.99 करोड़ मीट्रिक टन रही, जो पिछले साल जून के 1.95 करोड़ मीट्रिक टन से थोड़ी ज्यादा है। मई के मुकाबले मासिक आधार पर खपत में गिरावट दर्ज की गई। मई में खपत 2.07 करोड़ मीट्रिक टन थी, जबकि जून में ये घटकर 1.99 करोड़ मीट्रिक टन रह गई (3.5% की गिरावट)।
डीजल की बिक्री: डीजल की बिक्री, जो मुख्य रूप से ट्रकों और कमर्शियल गाड़ियों में इस्तेमाल होता है, मई के मुकाबले 5% कम हो गई। जून में डीजल की बिक्री 7.98 करोड़ मीट्रिक टन रही, हालांकि पिछले साल के मुकाबले इसमें 1% की बढ़ोतरी हुई है।
पेट्रोल की बिक्री: पेट्रोल की बिक्री में पिछले साल के मुकाबले 4.6% की बढ़ोतरी दर्ज की गई। जून में पेट्रोल की बिक्री 3.30 करोड़ मीट्रिक टन रही, लेकिन मई के आंकड़ों के मुकाबले 4.8% की गिरावट भी देखी गई।
बिटुमेन की मांग: सड़क बनाने में इस्तेमाल होने वाले बिटुमेन की मांग में सालाना आधार पर 4% से अधिक की वृद्धि हुई है।
LPG की बिक्री: खाना पकाने की गैस (LPG) की बिक्री में 3.2% की बढ़ोतरी हुई और 2.31 करोड़ मीट्रिक टन पर पहुंच गई।
नेफ्था की बिक्री: नेफ्था की बिक्री में भी पिछले जून के मुकाबले 1.4% की बढ़ोतरी दर्ज की गई, जो करीब 1.07 करोड़ मीट्रिक टन रही।
फ्यूल ऑइल की खपत: जून में भट्टी चलाने के लिए इस्तेमाल होने वाले Fuel Oil की खपत में सालाना आधार पर करीब 5% की वृद्धि हुई है। (रॉयटर्स के इनपुट के साथ)