क्विक हील की सुरक्षा इकाई सेकराइट ने हाल में एक रिपोर्ट में खुलासा किया है कि भारत के स्वास्थ्य देखभाल क्षेत्र साइबर खतरों के लिहाज से सबसे ज्यादा निशाने पर है। डेटा सिक्योरिटी काउंसिल ऑफ इंडिया (डीएससीआई) के साथ साझेदारी में तैयार की गई सेकराइट लैब की रिपोर्ट में गंभीर चिंता का उल्लेख किया गया है।
इसमें कहा गया है कि इस साल पकड़े गए सभी साइबर खतरों में स्वास्थ्य देखभाल का हिस्सा 21.82 फीसदी रहा है जो आतिथ्य (19.57 फीसदी) और बैंकिंग, वित्त सेवा एवं बीमा (17.38) जैसे अन्य उच्च जोखिम वाले क्षेत्र से कहीं ज्यादा है।
इंडिया साइबर थ्रेट रिपोर्ट 2025 में बताया गया है कि विश्लेषण किए गए सभी क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवा उद्योग में खतरे का पता लगाने का औसत सबसे ज्यादा 37.29 रहा। इसका कारण संवेदनशील चिकित्सा डेटा, पुरानी प्रणाली पर निर्भरता और इलेक्ट्रॉनिक हेल्थ रिकॉर्ड एवं टेलीमेडिसिन प्लेटफॉर्म जैसी स्वास्थ्य सेवाओं के डिजिटाइजेशन में आई तेजी है।
स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में सबसे ज्यादा मैलवेयर आए। ये सभी खतरों में 43.38 फीसदी रहा। इसके बाद इन्फेक्टर की 32.43 फीसदी और वर्म्स की 8.43 फीसदी हिस्सेदारी रही। उल्लेखनीय है कि वैश्विक महामारी कोविड-19 के दौरान परीक्षण परिणामों और रोगियों की जानकारी से जुड़े आंकड़ों की सेंधमारी की जानकारी मिली थी। स्वास्थ्य देखभाल प्रणाली में 2021 में अपोलो हॉस्पिटल्स के आंकड़ों की सेंधमारी देखी गई जो तीसरे पक्ष के एप्लिकेशन की संवेदनशीलता के कारण हुआ था।