वर्ष 2023 में वैश्विक स्तर पर कुल 1.54 करोड़ इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) की शिपमेंट भेजी जाएगी। इसमें कारों की बाजार हिस्सेदारी 97.1 प्रतिशत रहेगी। अनुसंधान फर्म गार्टनर के पूर्वानुमान से यह जानकारी मिलती है। ये आंकड़े विश्व ईवी दिवस से पहले जारी किए गए थे, जो 9 सितंबर को होता है।
वर्ष 2023 के पूर्वानुमान से संकेत मिलता है कि इलेक्ट्रिक बस और वैन के मामले में दोनों में से प्रत्येक की रिकॉर्ड स्तर पर 2,00,000 शिपमेंट रहेगी। वर्ष 2024 में कुल शिपमेंट 1.85 करोड़ तक पहुंचने की उम्मीद है।
जेएमके रिसर्च के आंकड़ों के अनुसार भारत में ईवी की बिक्री बढ़ रही है। वर्ष 2022-23 (वित्त वर्ष 23) में बिक्री 173.6 प्रतिशत तक बढ़कर 12.5 लाख हो गई, जो पिछले वर्ष की 4,60,000 बिक्री से अधिक है। वर्ष 2018-19 में यह आंकड़ा 1,50,000 था। बाजार हिस्सेदारी में पंजीकृत इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों का योगदान सबसे अधिक है, जो वित्त वर्ष 23 तक संयुक्त रूप से 48.8 प्रतिशत रही
है।
वर्ष 2013-14 से वित्त वर्ष 23 के बीच इस बिक्री में उत्तर प्रदेश की हिस्सेदारी 20.6 प्रतिशत की दर के साथ सबसे अधिक रही, इसके बाद महाराष्ट्र (10.2 प्रतिशत), दिल्ली (8.9 प्रतिशत), कर्नाटक (8.5 प्रतिशत), और राजस्थान (6.4 प्रतिशत) का स्थान रहा।
रिपोर्ट के आंकड़ों से पता चलता है कि ओला इलेक्ट्रिक ने वित्त वर्ष 23 में 21.2 प्रतिशत की दर के साथ सबसे अधिक दोपहिया बिक्री वृद्धि दर्ज की। तिपहिया वाहन की श्रेणी में महिंद्रा इलेक्ट्रिक ने बाजार हिस्सेदारी में नौ प्रतिशत की दर के साथ सर्वाधिक योगदान किया।
कार श्रेणी में टाटा मोटर्स की हिस्सेदारी 79.3 प्रतिशत रही, जबकि पीएमआई इलेक्ट्रो मोबिलिटी सॉल्यूशंस 31.5 प्रतिशत हिस्सेदारी के साथ बस श्रेणी में आगे रही।