वाहन निर्माण क्षेत्र की प्रमुख कंपनी मारुति सुजुकी इंडिया के उच्च पदों पर भारतीयों को काफी तरजीह दी जा रही है।
पिछले साल कंपनी ने अपने नाम के बीच से ‘उद्योग’ शब्द हटा लिया और प्रबंध निदेशक के पद पर पहली बार किसी जापानी (एस. नाकानीशी) को नियुक्त किया। उसके बाद कंपनी की ओर से प्रबंधन स्तर पर काफी फेर-बदल किया गया और पांच भारतीयों को कार्यकारी प्रबंधकों में शामिल कर उन्हें अहम जिम्मेदारी सौंपी गई।
खास बात यह कि इन पदाधिकारियों का ओहदा कार्यकारी निदेशक एस. नाकानीशी के ठीक नीचे है। इससे पहले जब जगदीश खट्टर कंपनी के प्रबंध निदेशक थे, तब उन्हें छोड़कर कोई भी भारतीय कंपनी के प्रमुख पद पर तैनात नहीं थे। नई व्यवस्था में सभी क्षेत्रों के लिए दो एक्जिक्यूटिव को नियुक्त किया गया है, जिनमें से एक जापानी और एक भारतीय हैं।
इन्हें उत्पादन, सेल्स एंड मार्केटिंग, प्रोक्योरमेंट, प्रशासनिक एवं इंजीनियरिंग और शोध व विकास के देखरेख की जिम्मेदारी सौंपी गई है। दोनों ही अधिकारियों को मैनेजमेंट एक्जिक्यूटिव ऑफिसर का पद दिया गया है। हालांकि जापानी अधिकारियों को निदेशक मंडल में शामिल किया गया है, जबकि भारतीय अधिकारियों को बोर्ड की सभी बैठकों में शामिल किया जाता है।
नई व्यवस्था के तहत एम. एम. सिंह और एम. ओहाशी को उत्पादन की देख-रेख की जिम्मेदारी दी गई है, जबकि आई. वी. राव और काइची अशाई को इंजीनियरिंग और रिसर्च एंड डेवलपमेंट और एस. वाई. सिद्दिकी एवं एच. नगाओ प्रशासनिक विभाग का प्रमुख बनाया गया है।
मयंक पारिख और ओ. ओशिरी सेल्स एंड मार्केटिंग विभाग के प्रमुख होंगे। एस. मैत्रा को मैनेजमेंट एक्जिक्यूटिव ऑफिसर का पद दिया गया है, जिन्हें कार्यकारी अधिकारी नोरियुकी फुजिता के साथ प्रोक्योरमेंट विभाग का कार्य देखना है।नई प्रबंधन व्यवस्था जापान की सुजुकी मोटर्स की ओर से लागू की गई है, जिसकी मारुति में 54.2 फीसदी हिस्सेदारी है।