देश की तीसरी सबसे बड़ी मॉर्गेज लेनदार इंडियाबुल्स हाउसिंग फाइनैंस ने ब्रिटेन में ऑकनॉर्थ बैंक में अपनी हिस्सेदारी का एक भाग बॉस्टन की निवेश फर्म हाईस्टेज वेंचर्स एलएलसी को 440 करोड़ रुपये में बेच दिया। कंपनी इस रकम का इस्तेमाल पूंजी पर्याप्तता अनुपात सुधारने में करेगी।
एक्सचेंजों को भेजी सूचना में इंडियाबुल्स हाउसिंग फाइनैंंस ने कहा, कंपनी की योजना अगले कुछ दिनों में ओकनॉर्थ बैंक की आंशिक हिस्सेदारी बिक्री से कुछ और लेदनेन पूरा करने की है। ओकनॉर्थ बैंक की हिस्सेदारी बिक्री से सीआरएआर मजबूत होगा और कंपनी की लोनबुक में बढ़ोतरी के लिए कुछ पूंजी मुक्त होगी।
नवंबर 2015 में ओकनॉर्थ बैंक की 40 फीसदी हिस्सेदारी खरीद पर कंपनी ने 663 करोड़ रुपये का निवेश किया था। कुछ साल बाद यानी नवंबर 2017 में उसने बैंक की 10 फीसदी हिस्सेदारी सिंगापुर सरकार के स्वामित्व वाली निवेश इकाई जीआईसी को 770 करोड़ रुपये में बेच दी थी।
ओकनॉर्थ बैंक ब्रिटेन में मिड-मार्केट फंडिंग में हो वाली कमी का समाधान करता है। बैंक की शुरुआत के चार वर्षों में ही उसकी जमाएं 3 अरब पाउंड हो गई और उसने तब से 4 अरब पाउंड से ज्यादा का उधार दिया है।
ओकनॉर्थ बैंक की हिस्सेदारी बिक्री से पहले इंडियाबुल्स हाउसिंग फाइनैंस ने बुधवार को क्यूआईपी पेश किया था और उसका इरादा संस्थागत निवेशकोंं से रकम जुटाने का है, जिसके लिए फ्लोर प्राइस 206.70 रुपये प्रति इक्विटी शेयर रखा गया है। कंपनी कितनी रकम जुटाना चाहती है, उसका खुलासा नहीं किया गया है। हालांकि विभिन्न रिपोर्ट से पता चलता है कि यह 700 करोड़ रुपये से ज्यादा हो सकता है। क्यूआईपी से मिलने वाली रकम का इस्तेमाल पूंजी पर्याप्तता अनुपात में मजबूती लाने और नकदी बनाए रखने में किया जाएगा ताकि कारोबारी गतिविधियोंं के लिए फंडिंग की जरूरतें पूर की जा सके। इंडियाबुल्स का शेयर गुरुवार को बीएसई पर 3.28 फीसदी टूटकर 194.55 रुपये पर बंद हुआ।
