इंडिया रेटिंग्स ने गोएयर के कर्ज की रेटिंग घटा दी है और वित्त वर्ष 2021 में नकदी और परिचालन प्रदर्शन पर दबाव को लेकर चिंता जताई है।
रेटिंग एजेंसी ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि गोएयर का कुल कर्ज जून तिमाही में तिमाही आधार पर 6 प्रतिशत बढ़कर 1,891 करोड़ रुपये हो गया और समान अवधि में उसका नकदी एवं बैंक बैलेंस करीब आधा घटकर 72.5 करोड़ रुपये रह गया। कुल कर्ज में व्यवसाय परिचालन में मदद के लिए प्रवर्तक समूह कंपनियों से उधार ली गई रकम भी शामिल है। घरेलू विमानन कंपनी का परिचालन 25 मई को बंद होने के बाद दो महीने फिर से चालू हुआ है और फिलहाल यात्रियों की संख्या 60 प्रतिशत से कम है। गोएयर ने 1 जून से परिचालन पुन: शुरू किया है और वह रोजाना 15-18 विमानों के साथ सेवा मुहैया करा रही है। लॉकडाउन के दौरान राजस्व नुकसान, मौजूदा समय में भी यात्रियों की सुस्त मांग और ऊंची निर्धारित लागत एक बड़ी चिंता बनी हुई है।
अपने ताजा संशोधन में रेटिंग एजेंसी ने कोष-आधारित कार्यशील पूंजी सीमा के लिए रेटिंग घटाई है और ऋण के लिए नकारात्मक नजरिया बरकरार रखा है। गोएयर ने इस संबंध में भेजे सवाल का फिलहाल कोई जवाब नहीं दिया है।
एजेंसी को वित्त वर्ष 2021 में गोएयर के राजस्व और परिचालन मार्जिन में बड़ी गिरावट आने की आशंका है। अनुमानित आंकड़ों के अनुसार, गोएयर का राजस्व वित्त वर्ष 2020 में 13 प्रतिशत बढ़कर 7,100 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। राजस्व को यात्रियों की संख्या में हुई 28 प्रतिशत की वृद्घि से मदद मिली। एयरलाइन को वित्त वर्ष 2019 में 123 करोड़ रुपये के शुद्घ लाभ के विपरीत वित्त वर्ष 2020 में ऊंचे प्रावधान और विदेशी मुद्रा नुकसान की वजह से 1,346 करोड़ रुपये के शुद्घ नुकसान का अनुमान है।
लेकिन एयरलाइंस की राजस्व रफ्तार वित्त वर्ष 2021 में प्रभावित होगी और रुपये में गिरावट से कंपनी की कुल लागत पर दबाव बरकरार रहेगा। रेटिंग एजेंसी का मानना है कि कर्मचारियों को वेतन बगैर अवकाश पर भेजने जैसे लागत बचत उपायों से मुनाफे में इजाफा होने की संभावना नहीं है।
