बदलते जमाने के साथ बदल रहे विज्ञापन अब मनोरंजन का साधन बनते जा रहे है। अब विज्ञापनों का मुख्य लक्ष्य उत्पाद के बारे में जानकारी न देकर लोगों का मनोरंजन करना हो गया है।
लेकिन अब भी ज्यादातर विज्ञापनों में या तो बाजार शोध की कमी नजर आती है या फिर आधे-अधूरे बाजार शोध कर अधकचरे विज्ञापन बना दिये जाते हैं।
भारत बड़ा खिलाड़ी
विज्ञापन फिल्म निर्माण क्षेत्र में नाम कमा चुके एलेक पद्मसी के मुताबिक यही वजह है कि लोगों को विज्ञापन तो याद रहते हैं लेकिन जिन उत्पादों के लिए विज्ञापन बनाए जाते हैं उन्हें भूल जाते हैं। मार्केटिंग समिट-2008 में आए पद्मसी ने बताया कि पचास फीसदी जनता 30 साल से कम उम्र की है। ऐसे में भारत विपणन बाजार में एक बड़ा खिलाड़ी बनकर उभरने वाला है।
पद्मसी का कहना है कि अर्थव्यवस्था की तेज रफ्तार के साथ भारत में बाजार बढ़ता जा रहा है। इसलिए वहां विज्ञापनों के लिए भी असीम संभावनाएं हैं।
चीन तो पिछड़ेगा
पद्मसी ने कहा, ‘आने वाले समय में विपणन बाजार में भारत ही सबसे आगे होगा।’ उन्होंने बताया कि भारत की अनुसंधान और विकास बुनियाद काफी मजबूत है। अपनी इसी मजबूत बुनियाद का फायदा उठाकर हम इस क्षेत्र में कोरिया से आगे निकल सकते हैं। जहां तक चीन की बात है तो चीन कुछ नया नहीं करेगा। चीन किसी भी उत्पाद की कीमत नीचे लाने के लिए उसकी नकल कर सकता है लेकिन नई चीजों की खोज भारत में ही होगी।
पद्मसी ने कहा, ‘विज्ञापनों की बढ़ती कीमत के कारण अब विज्ञापन भी छोटी अवधि के ही बनने लगे हैं। छोटे विज्ञापन उपभोक्ताओं को सिर्फ यह बता पाते हैं कि ये नया उत्पाद है लेकिन उस उत्पाद के बारे में जानकारी नहीं दे पाते है।’
उन्होंने कहा कि भारत से हमेशा ही कुछ नया करने की उम्मीद की जाती है। उन्होंने आईपीएल का उदाहरण देते हुए कहा, ‘दुनिया भारत के अगले कदम का इंतजार कर रही है।’
क्रिकेट के इस छोटे संस्करण ने विज्ञापन जगत में नई जान फूंक दी है। दुनिया भर के खिलाड़ियों की भागीदारी वाले इस आईपीएल लीग के आयोजन ने विज्ञापन जगत पर धन की बरसात कर दी है। इस लीग में खेलने वाले खिलाड़ियों से लेकर टीम मालिकों और टीमों के लिए विज्ञापन बनाने वाली कंपनियां भी जमकर कमाई कर रही हैं।
आईपीएल में चीयरलीडर्स की मौजूदगी पर मच रही हाय तौबा के बारे में पद्मसी ने कहा, ‘कम से कम चीयर लीडर्स टेलिविजन पर हर ओवर के बाद आने वाले विज्ञापनों की तरह खेल देखने में डिस्टर्ब तो नहीं करती हैं। चीयरलीडर्स इस खेल का जश्न मनाने के लिए हैं।’
पशु क्रूरता के आरोप गलत
पद्मसी ने पशु अधिकार संगठनों द्वारा विज्ञापन फिल्मों के निर्माण के लिए जानवरों पर की जा रही क्रूरता के आरोपों को नकारते हुए कहा, ‘पग वोडाफोन के विज्ञापनों का स्टार है और स्टार्स से अच्छे काम की उम्मीद की जाती है।’ पद्मसी थिएटर और विज्ञापन दुनिया के अपने अनुभवों पर आधारित अपनी ‘ए डबल लाइफ’ नाम से अपनी आत्म कथा भी लिख चुके हैं।
…विज्ञापन का बाजार
अर्थव्यवस्था की तेजी विज्ञापन बाजार के लिए ईंधन
इसी वजह से भारत इस बाजार में होगा सिरमौर
विज्ञापनों की बेहतरी के लिए शोध जरूरी, लेकिन आधे अधूरे शोध की वजह से विज्ञापन भी अधकचरे