देश की सबसे बड़ी सीमेंट उत्पादक कंपनी अल्ट्राटेक सीमेंट के चेयरपर्सन कुमार मंगलम बिड़ला के अनुसार विनिर्माण और निर्माण पर सरकार के नीतिगत जोर से भारत में सीमेंट की मांग में इजाफा होने वाला है। मंगलवार को कंपनी की वार्षिक आम बैठक (एजीएम) में बिड़ला ने कहा कि घरेलू मांग, बेहतर क्षमता उपयोग तथा उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना और राष्ट्रीय विनिर्माण मिशन जैसे नीतिगत उपायों की बदौलत विनिर्माण क्षेत्र में और मजबूती आने की उम्मीद है।
बिड़ला ने कहा, ‘गति शक्ति के जरिये बुनियादी ढांचा परियोजनाओं पर बढ़ते ध्यान, किफायती आवास योजनाओं के लिए अधिक आवंटन और बुनियादी ढांचे के वास्ते रकम के लिए ‘परिसंपत्तियों से कमाई की योजना’ से निर्माण क्षेत्र भी दमदार प्रदर्शन के लिए तैयार है।’
वैश्विक बाजार में उतार-चढ़ाव, भू-राजनीतिक तनाव और व्यापारिक संबंधों में दरारों के जोखिमों के बावजूद बिड़ला ने भारत की विकास गाथा में विश्वास जताया। उन्होंने दमदार बुनियादी चीजों, मजबूत वित्तीय प्रणाली और दीर्घकालिक नीतिगत जोर का हवाला देते हुए कहा, ‘उम्मीद है कि साल 2025-26 में देश सबसे तेजी से बढ़ने वाली प्रमुख अर्थव्यवस्था के रूप में अपनी स्थिति बरकरार रखेगा।’
इस पृष्ठभूमि के बीच अल्ट्राटेक ने अपनी विकास योजनाओं को आगे बढ़ाया है। उसके पूंजीगत व्यय का लगभग 70 प्रतिशत विस्तार पर खर्च हो रहा है। अब कंपनी वित्त वर्ष 26 तक सालाना 20 करोड़ टन की सीमेंट क्षमता का लक्ष्य कर रही है जबकि पहले इसके लिए वित्त वर्ष 27 को लक्ष्य बनाया गया था। इस तरह यह लक्ष्य एक साल जल्दी कर दिया गया है। वित्त वर्ष 26 की पहली तिमाही के अंत में इसकी ग्रे सीमेंट क्षमता सालाना 19.226 करोड़ टन थी। वित्त वर्ष 26 के लिए अल्ट्राटेक ने 10,000 करोड़ रुपये के पूंजीगत व्यय का अनुमान लगाया है, जिसमें से 2,000 करोड़ रुपये पहली तिमाही में पहले ही खर्च किए जा चुके हैं। वित्त वर्ष 25 में कंपनी ने 75,955.13 करोड़ रुपये का राजस्व दर्ज किया था।