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आईआईएचएल और हिंदुजा समूह की अन्य कंपनियों ने दिसंबर 2022 में वित्तीय सेवा फर्म रिलायंस कैपिटल के अधिग्रहण की दौड़ जीत ली थी, लेकिन मामला मुकदमेबाजी में फंस गया है।

Last Updated- August 02, 2024 | 10:45 PM IST
Reliance Capital

दिवालिया कंपनी रिलायंस कैपिटल के ऋणदाताओं की समिति (सीओसी) ने मॉरीशस के हिंदुजा समूह की इकाई इंडसइंड इंटरनैशनल हो​ल्डिंग (आईआईएचएल) को पत्र लिखकर कहा है कि वह कंपनी के अधिग्रहण के लिए अपने इक्विटी योगदान के रूप में 2,750 करोड़ रुपये 31 जुलाई की अंतिम समय सीमा से पहले जमा करने में विफल रही है। लेकिन हिंदुजा समूह ने पैसा जमा करने में चूकने की बात से साफ इनकार किया है।

आईआईएचएल और हिंदुजा समूह की अन्य कंपनियों ने दिसंबर 2022 में वित्तीय सेवा फर्म रिलायंस कैपिटल के अधिग्रहण की दौड़ जीत ली थी, लेकिन मामला मुकदमेबाजी में फंस गया है। एनसीएलटी ने आईआईएचएल को 31 जुलाई तक इक्विटी योगदान एस्क्रो खाते में जमा करने के लिए कहा था और पूरी प्रक्रिया को निपटाने की तारीख 10 अगस्त तक बढ़ा दी थी।

आईआईएचएल ने बयान में कहा है कि आईआईएचएल ने समाधान योजना के तहत कोई चूक नहीं की गई है। इसमें कहा गया है कि आईआईएचएल एनसीएलटी द्वारा मंजूर समाधान योजना के तहत अपने दायित्वों को पूरा कर रही है।

आईआईएचएल के बयान में कहा गया है ‘आईआईएचएल अपने इक्विटी योगदान के लिए बैंक खातों में 2,750 करोड़ रुपये की जरूरी पूंजी निवेश राशि जमा कर चुकी है। इस आशय का हलफनामा बैंक प्रमाणपत्रों के साथ 31 जुलाई, 2024 को एनसीएलटी के पास प्रस्तुत किया जा चुका है, जिसकी एक प्रति ऋणदाताओं की समिति और प्रशासक को दे दी गई है। इस हलफनामे में यह भी स्पष्ट किया गया है कि आईआईएचएल बाध्यकारी प्रतिबद्धता पत्र हासिल कर चुकी है और 7,300 करोड़ रुपये की टर्म शीट का क्रियान्वयन किया है।’

बयान में कहा गया है ‘यह ध्यान देने वाली बात है कि समाधान योजना को मंजूरी देने वाले 27 फरवरी, 2024 के मूल आदेश में स्पष्ट रूप से ऋणदाताओं की समिति और प्रशासक को कुछ निश्चित काम और शर्त पूरे करने थे, जिसके लिए 29 जुलाई 2024 को उनके साथ बैठक हुई थी। ये काम और जरूरी अनुपालन अभी तक पूरे नहीं हुए हैं। इसके परिणामस्वरूप आईआईएचएल ने एनसीएलटी से अंतरिम आवेदन दायर करके विशिष्ट निर्देशों और 23 जुलाई, 2024 के उनके आदेश में संशोधन की मांग की। दायर आवेदन की सुनवाई लंबित रहने और आदेश में संशोधन पर निर्भर होने के साथ आईआईएचएल ने समाधान योजना के तहत अपने दायित्वों के अनुपालन में 2,750 करोड़ रुपये का पूर्ण इक्विटी योगदान जमा कर दिया है।’

1 अगस्त को लिखे अपने पत्र में विस्तारा लिमिटेड (सीओसी की तय कंपनी) ने कहा कि सीओसी यह उजागर करना चाहेगी कि एनसीएलटी के आदेश के अनुसार आईआईएचएल को भारत में एस्क्रो खाते में घरेलू इक्विटी के लिए 250 करोड़ रुपये जमा करने थे और 2,500 करोड़ रुपये की एक अन्य किस्त रिलायंस कैपिटल में निवेश की जाने वाली इक्विटी के योगदान के रूप में सीओसी द्वारा तय विदेशी एस्क्रो खाते में जमा करने थे।

इसके अलावा आईआईएचएल को 7,300 करोड़ रुपये के ऋण की बाध्यकारी शर्तों की प्रतियां निगरानी समिति को पेश करनी थी।

First Published - August 2, 2024 | 10:16 PM IST

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