शेयर बाजार में शुरुआत करने के बाद क्रेटा इलेक्ट्रिक एसयूवी का अपना पहला मॉडल लाने के लिए ह्युंडै मोटर इंडिया तैयार है। कंपनी को उम्मीद है कि साल 2025 में बड़े मूल उपकरण विनिर्माताओं (ओईएम) के कई मॉडल उतारने की वजह से देश में ईवी कारों का वॉल्यूम अगले दो साल में दोगुना हो जाएगा जो अभी लगभग 1,06,000 है।
ह्युंडै इंडिया के मुख्य परिचालन अधिकारी (सीओओ) तरुण गर्ग के अनुसार बेहतर होते पारिस्थितिकी तंत्र की वजह से ईवी कारों का इस्तेमाल भी मौजूदा 2.4 प्रतिशत की तुलना में बढ़कर साल 2030 तक 17 प्रतिशत तक पहुंचने की उम्मीद है। क्रेटा ईवी को 17 से 22 जनवरी के दौरान दिल्ली में आयोजित भारत मोबिलिटी में पेश किया जाएगा।
कंपनी क्रेटा ईवी के बाद तीन और ईवी मॉडल लाने की योजना बना रही है। कंपनी को यह भी उम्मीद है कि साल 2028 तक उसकी क्षमता 11 लाख तक पहुंच जाएगी जो फिलहाल 8,24,000 है। इसकी वजह यह है कि पुणे संयंत्र, जिसके पहले चरण की क्षमता 1,70,000 वाहन है, साल 2025 की चौथी तिमाही में चालू हो जाएगा और उसके बाद 80,000 वाहन की क्षमता वाला दूसरा चरण चालू हो जाएगा।
उन्होंने कहा कि पुणे संयंत्र का परिचालन इस कैलेंडर वर्ष की चौथी तिमाही के दौरान शुरू होगा। इससे पहले चरण में हमें 1,70,000 वाहन और दूसरे चरण में 80,000 वाहन क्षमता मिलेगी। वर्तमान में हमारी क्षमता 8,24,000 है और साल 2028 तक क्षमता 11 लाख हो जाएगी।
गर्ग ने कहा, ‘अगर आप ईवी की थोक बिक्री के आंकड़ों पर नजर डालें तो साल 2023 में वे 2.4 प्रतिशत की पैठ के साथ करीब 1,06,000 होंगे। मेरा मानना है कि साल 2030 तक ईवी की पैठ 17 प्रतिशत तक पहुंच सकती है। निजी तौर पर मुझे लगता है कि अगले दो साल में ईवी का वॉल्यूम दोगुना हो सकता है। उन्होंने ने कहा, ‘मुझे लगता है कि साल 2026 ईवी को बढ़ाने वाला वर्ष होगा। साल 2025 में कोई न कोई बड़ा विनिर्माता ईवी पेश करेगा।’