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HAL से लेकर टाटा, अदाणी और L&T तक, भारत के पहले स्टील्थ फाइटर के लिए कड़ा मुकाबला शुरू

भारत का पहला स्वदेशी स्टील्थ फाइटर जेट AMCA बनाने की दौड़ में HAL और प्राइवेट कंपनियों के बीच कड़ा मुकाबला, रक्षा इंडस्ट्री में नए बदलाव की शुरुआत

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भास्वर कुमार   
Last Updated- October 01, 2025 | 9:18 AM IST

भारत अब अपने पहले स्वदेशी स्टील्थ लड़ाकू विमान एडवांस्ड मीडियम कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (AMCA) बनाने की दिशा में बड़ा कदम बढ़ा रहा है। इस बड़े प्रोजेक्ट के लिए सरकारी कंपनी हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) के साथ-साथ प्राइवेट सेक्टर की कई दिग्गज कंपनियां भी मैदान में उतर चुकी हैं। इनमें भारत फोर्ज लिमिटेड, टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स लिमिटेड (TASL), लार्सन एंड टुब्रो (L&T) और अदाणी डिफेंस एंड एयरोस्पेस जैसी कंपनियां शामिल हैं। AMCA का डिजाइन और डेवलपमेंट वर्क रक्षा मंत्रालय के अधीन आने वाली एयरोनॉटिकल डेवलपमेंट एजेंसी (ADA) के जिम्मे है।

EoI प्रक्रिया क्या है और कंपनियों ने कैसे दिलचस्पी दिखाई?

ADA ने जून 2025 में इस प्रोजेक्ट के लिए एक्सप्रेशन ऑफ इंटरेस्ट (EoI) जारी किया था, ताकि यह पता चल सके कि कौन-सी भारतीय कंपनियां इस मॉडर्न विमान के प्रोटोटाइप बनाने में सक्षम हैं। कंपनियों के जवाब देने की आखिरी तारीख 30 सितंबर थी और इस तारीख तक कई बड़ी कंपनियों ने अपनी रुचि दिखाई। अभी यह केवल योग्यता साबित करने की शुरुआती प्रक्रिया है। इसके बाद जब इन कंपनियों के जवाबों की जांच पूरी होगी तो ADA अगला चरण शुरू करेगी। इसमें चुनी गई कंपनियों को पांच प्रोटोटाइप विमान और एक स्ट्रक्चरल टेस्ट मॉडल बनाने का कॉन्ट्रैक्ट मिलेगा। यही कॉन्ट्रैक्ट आगे चलकर सीरीज प्रोडक्शन का रास्ता तय करेगा।

कंपनियां किस तरह के गठजोड़ बनाकर उतरी हैं?

इस बार खास बात यह है कि कई कंपनियां आपसी साझेदारी करके इस प्रोजेक्ट में उतर रही हैं। भारत फोर्ज ने BEML लिमिटेड और प्राइवेट इलेक्ट्रॉनिक्स कंपनी डेटा पैटर्न्स के साथ मिलकर एक त्रिपक्षीय समझौता किया है। वहीं, L&T ने सरकारी कंपनी भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (BEL) के साथ रणनीतिक साझेदारी का ऐलान किया है। दूसरी ओर, टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स लिमिटेड (TASL) ने अकेले ही EoI का जवाब दिया है। जबकि HAL और अदाणी डिफेंस ने स्वतंत्र रूप से भाग लिया है या किसी गठजोड़ के तहत, यह अभी साफ नहीं हो पाया है।

HAL की एकाधिकार पोजिशन पर इसका क्या असर होगा?

इस प्रोजेक्ट की सबसे बड़ी खासियत यह है कि अब तक लड़ाकू विमानों के निर्माण का काम लगभग पूरी तरह से HAL के पास था। लेकिन रक्षा मंत्रालय ने इस साल मई में जो नया मॉडल मंजूर किया है, उसके तहत सरकारी और प्राइवेट दोनों कंपनियों को बराबरी से मौका मिलेगा। यानी अब प्राइवेट कंपनियों को भी पहली बार भारत में लड़ाकू विमान बनाने का अवसर मिल रहा है। इसे देश की रक्षा इंडस्ट्री के लिए बड़ा बदलाव माना जा रहा है। अगर किसी प्राइवेट कंपनी को यह प्रोजेक्ट मिलता है तो भारत में पहली बार सरकारी के साथ-साथ प्राइवेट सेक्टर का भी अपना फाइटर जेट प्रोड्यूसर होगा।

AMCA कब तक उड़ान भरेगा और आगे की राह क्या है?

ADA और रक्षा मंत्रालय की योजना के मुताबिक, AMCA का पहला प्रोटोटाइप 2028 या 2029 तक उड़ान भर सकता है। इसके बाद इसके विभिन्न टेस्ट किए जाएंगे और फिर बड़े पैमाने पर उत्पादन यानी सीरीज प्रोडक्शन की शुरुआत होगी। यह प्रक्रिया 2035 के आसपास शुरू होने की उम्मीद है। भारतीय वायुसेना के लिए यह प्रोजेक्ट बेहद अहम माना जा रहा है। वायुसेना को आने वाले सालों में 7 स्क्वाड्रन यानी कुल 126 AMCA लड़ाकू विमान मिलने की संभावना है। ये विमान भारत की हवाई ताकत को नई ऊंचाई देंगे और देश को उन गिने-चुने देशों की कैटेगरी में शामिल करेंगे जो खुद स्टील्थ फाइटर जेट बना सकते हैं।

First Published : October 1, 2025 | 9:18 AM IST