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GVK के उत्तराधिकारी को एआई कॉल असिस्टेंट इक्वल से उम्मीद

रेड्डी का लक्ष्य अपने नए कॉल असिस्टेंट प्लेटफॉर्म इक्वल एआई पर वर्ष 2026 के मध्य तक 10 लाख दैनिक सक्रिय यूजर्स (डीएयू) जोड़ना है

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आशीष आर्यन   
Last Updated- September 30, 2025 | 11:42 PM IST

हैदराबाद के जीवीके समूह के उत्तराधिकारी केशव रेड्डी अपने स्टार्टअप इक्वल के जरिये आर्टिफिशल इंटेलिजेंस (एआई) में बड़ी संभावनाएं देख रहे हैं। उनका लक्ष्य अपने नए कॉल असिस्टेंट प्लेटफॉर्म इक्वल एआई पर वर्ष 2026 के मध्य तक 10 लाख दैनिक सक्रिय यूजर्स (डीएयू) जोड़ना है। रेड्डी ने बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया कि यह सेवा गुरुवार से शुरू होगी और दिल्ली तथा राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में 10,000 एंड्रॉयड यूजर्स के लिए उपलब्ध रहेगी।

यह एआई-संचालित कॉल असिस्टेंट अनजान कॉल की पहचान करने के अलावा और भी काम करेगा। वह यूजर की तरफ से कॉल रिसीव करेगा, जरूरत पड़ने पर जवाब देगा और फिर यूजर को बताएगा कि उसे कॉल उठाना चाहिए या नहीं। रेड्डी ने कहा, ‘इक्वल एआई का मकसद यूजर्स को, खासकर स्पैम और स्कैम कॉल के इस दौर में और ऑनलाइन डिलिवरी के बढ़ते रुझान में एक असिस्टेंट के तौर पर मदद करना है।’

उन्होंने कहा कि उपयोगकर्ता की ओर से कॉल रिसीव करते समय एआई असिस्टेंट उस कॉल का लाइव ट्रांसक्रिप्ट भी रिकॉर्ड करता है। रेड्डी ने कहा, ‘अगर उपयोगकर्ता कॉल को खुद लेना चाहता है या अगर एआई बातचीत का संदर्भ नहीं समझ पाता है, तो ऐसी ​स्थिति में उपयोगकर्ता खुद कॉल संभाल लेता है और एआई असिस्टेंट हट जाता है।’

हैदराबाद में लगभग 110 कर्मचारियों वाले इस स्टार्टअप ने बिजनेस-टू-बिजनेस क्षेत्र से शुरुआत की थी। यह कंपनी बैंकिंग, वित्तीय सेवाएं, बीमा और पर्सनल फाइनैंस मैनेजमेंट जैसे क्षेत्रों में लगभग 9 करोड़ लोगों के एक अरब से अधिक ट्रांजेक्शन प्रोसेस करती है। वर्ष 2022 में स्थापित इस स्टार्टअप में ​स्विगी के पूर्व निदेशक (इंजीनियरिंग) राजीव रंजन और कृष्ण प्रसाद इसके संस्थापकों के तौर पर शामिल हैं।

रेड्डी ने कहा कि प्रोसस, ब्लूम, डीएसटी ग्लोबल पार्टनर्स, टोमालेस बे कैपिटल, वेलिएंट कैपिटल, बिन्नी बंसल, करण अदाणी, कुणाल शाह, कुणाल बहल, नि​खिल कामत और पार्थ जिंदल जैसे निवेशकों द्वारा स​म​र्थित इ​क्वल एआई स्वयं की पहचान ऐसे एकमात्र एआई-संचालित कॉल असिस्टेंट के तौर पर बना रहा है जो यूजर की ओर से बातचीत सुन सकता है और कर सकता है।

उन्होंने कहा, ‘हमारा पूरा सिस्टम मूल रूप से एआई पर आधारित है। हर कॉल में 15 छोटे एजेंट काम करते हैं जो अगला कदम तय करते हैं, चाहे वह कॉल की समरी बनाना हो या कोई और कार्रवाई करनी हो, जैसे कि अगर बातचीत ऐसी भाषा में हो रही हो जिसे एआई समझ न पाए।’

First Published : September 30, 2025 | 11:35 PM IST