सरकार ने हेल्थ और लाइफ इंश्योरेंस प्रीमियम पर GST हटा दिया है। इसका फायदा ग्राहकों को तुरंत दिखेगा क्योंकि प्रीमियम अब पहले से सस्ता होगा। लेकिन बीमा कंपनियों के लिए यह कदम अल्पकाल में नुकसानदायक साबित हो सकता है। वजह यह है कि कमीशन और दूसरे ऑपरेटिंग खर्चों पर अभी भी GST देना होगा, जबकि पहले कंपनियां इसे इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) से एडजस्ट कर लेती थीं।
Emkay की रिपोर्ट के अनुसार सबसे ज्यादा असर यूनिट लिंक्ड इंश्योरेंस प्लान (ULIP) और रिटेल हेल्थ इंश्योरेंस पर पड़ेगा। ULIP वैसे भी कम मुनाफा देने वाला प्रोडक्ट है और अब ITC नुकसान से यह और कमजोर होगा। वहीं हेल्थ इंश्योरेंस में करीब 5% प्रीमियम का ITC नुकसान सीधे घाटे के तौर पर सामने आएगा। ऐसे में कंपनियों को या तो प्रीमियम बढ़ाना पड़ेगा या फिर एजेंटों का कमीशन घटाना पड़ेगा।
रिपोर्ट का कहना है कि सितंबर-अक्टूबर 2025 में इंश्योरेंस कंपनियों की कमाई पर दबाव रहेगा और मुनाफा घट सकता है। हालांकि चौथी तिमाही से कंपनियां धीरे-धीरे प्राइसिंग और कमीशन में बदलाव करके इस असर को कंट्रोल करेंगी। लंबी अवधि में यह कदम सेक्टर के लिए पॉजिटिव साबित होगा, क्योंकि बीमा सस्ता होने से ज्यादा लोग कवर खरीदने की तरफ बढ़ेंगे।
Emkay का मानना है कि बड़े और मजबूत ब्रांड वाली कंपनियां इस बदलाव से बेहतर तरीके से निपटेंगी। खासतौर पर SBI Life, HDFC Life और Max Financial मजबूत डिस्ट्रीब्यूशन नेटवर्क और ब्रांड वैल्यू की वजह से आगे रहेंगे। वहीं LIC और ICICI Prudential (IPRU) के शेयरों का मूल्यांकन अभी आकर्षक हो गया है, क्योंकि इनके दाम पहले से ही ग्रोथ की मुश्किलों को दर्शा रहे हैं।