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Gautam Adani: अदाणी संग जिन पर उठी भ्रष्टाचार की उंगली

अदाणी ग्रीन एनर्जी की सौर परियोजनाओं के लिए रिश्वत देने और अमेरिकी निवेशकों से जानकारी छिपाने के आरोप; अदाणी समूह ने किया सभी आरोपों से इनकार

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निशा आनंद   
Last Updated- November 21, 2024 | 10:45 PM IST

भारत के दूसरे सबसे अमीर शख्स और अरबपति गौतम अदाणी, उनके भतीजे सागर अदाणी और छह अन्य लोगों पर अमेरिकी प्रतिभूति एवं विनिमय आयोग ने करोड़ों डॉलर की रिश्वत देने और धोखाधड़ी की योजना में शामिल होने का आरोप लगाया है। अदाणी के अलावा गुरुग्राम की एज्यूर पावर ग्लोबल से पहले जुड़े रहे सिरिल कैबनेस का भी भ्रष्टाचार के कथित मामले में नाम शामिल किया गया है।

अमेरिकी अभियोजकों के मुताबिक कैबनेस दोहरी नागरिकता वाले फ्रांसीसी और ऑस्ट्रेलियाई हैं और सिंगापुर में रह रहे हैं। इसके अलावा अन्य लोगों में अदाणी ग्रीन एनर्जी के कार्यकारी विनीत जैन सहित भारतीय नागरिक शामिल हैं।

मामले में आरोप यह है कि गौतम अदाणी और अन्य लोगों ने अदाणी ग्रीन एनर्जी के लिए भारत में सौर बिजली परियोजनाएं हासिल करने के लिए अनुकूल शर्तों के बदले भारतीय अधिकारियों को 26.5 करोड़ डॉलर की रिश्वत दी। आरोप है कि दी गई रिश्वत की जानकारी अमेरिकी बैंकों और निवेशकों से छिपाई गई। मामला सितंबर, 2021 का है। अदाणी ग्रीन ने 75 करोड़ डॉलर जुटाए, जिनमें से 17.5 करोड़ डॉलर अमेरिकी निवेशकों से जुटाए गए थे।

आरोपों पर अदाणी समूह ने कहा, ‘जैसा कि अमेरिकी न्याय विभाग ने खुद कहा है कि ये अभियोग आरोप भर हैं और जब तक कि वे दोषी सिद्ध न हो जाएं, प्रतिवादियों को निर्दोष माना जाएगा। बयान के अनुसार कंपनी हरसंभव कानूनी मदद लेगी।

अदाणी समूह संचालन, पारदर्शिता और नियामक अनुपालन के सर्वश्रेष्ठ मानकों को बरकरार रखने के लिए हमेशा प्रतिबद्ध रहा है। हम अपने सभी हितधारकों, साझेदारों और कर्मचारियों को भरोसा दिलाते हैं कि हम कानून का पालन करने वाला संगठन हैं और सभी कानूनों का पूरी तरह पालन करते हैं।’

रिश्वत के आरोपों में शामिल 8 लोग

गौतम अदाणीः देश के दूसरे सबसे अमीर शख्स 62 वर्षीय दिग्गज कारोबारी गौतम अदाणी के पास ब्लूमबर्ग के मुताबिक 85 अरब डॉलर की संपत्ति है। उन्होंने साल 1988 में कमोडिटी ट्रेडिंग फर्म के जरिये अदाणी समूह की शुरुआत की थी। अब समूह शिपिंग, बिजली, ऊर्जा और खनन जैसे क्षेत्रों में है। गुजरात में पले-बढ़े अदाणी ने 16 साल की उम्र में स्कूल छोड़ दिया था और दुनिया के 18वें सबसे अमीर व्यक्ति हैं।

सागर अदाणीः गौतम अदाणी के भतीजे सागर अदाणी अमेरिका की ब्राउन यूनिवर्सिटी से अर्थशास्त्र में स्नातक करने के बाद साल 2015 में अदाणी समूह से जुड़े। कंपनी की वेबसाइट के मुताबिक उन्हें अदाणी ग्रीन एनर्जी के पूरे सौर और पवन ऊर्जा का पोर्टफोलियो तैयार करने का श्रेय दिया जाता है। फिलहाल वे समूह की सहायक कंपनी में कार्यकारी निदेशक हैं। सागर अदाणी, गौतम अदाणी के भाई और अदाणी एंटरप्राइजेज के प्रबंध निदेशक राजेश अदाणी के बेटे हैं।

सिरिल कैबनेसः सिंगापुर में रहने वाले सिरिल के पास फ्रांस और ऑस्ट्रेलिया की दोहरी नागरिकता है। वह एज्यूरे पावर ग्लोबल के पूर्व निदेशक हैं और उन पर अमेरिकी विदेशी भ्रष्ट आचरण अधिनियम (एफसीपीए) के तहत आरोप लगाया गया है। उन्होंने कनाडाई संस्थागत निवेशक कैस डी डिपो एट प्लेसमेंट डु क्यूबेक (सीडीपीक्यू) में भी काम किया है।

विनीत जैनः अदाणी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्य अधिकारी विनीत जैन बीते 15 वर्षों से समूह के साथ जुड़े हैं। उन्हें कंपनी के ऊर्जा और बुनियादी ढांचा कारोबारों से जुड़ी कई प्रमुख ऊर्जा परियोजनाओं के नेतृत्व का श्रेय दिया जाता है।

रंजीत गुप्ताः एज्यूर पावर ग्लोबल के पूर्व मुख्य कार्य अधिकारी रंजीत गुप्ता इस मामले में आरोपी हैं।

रूपेश अग्रवालः एज्यूर पावर ग्लोबल के पूर्व मुख्य रणनीति और वाणिज्यिक अधिकारी रूपेश अग्रवाल भी आरोपी बनाए गए हैं। उनके अलावा सौरभ अग्रवाल और दीपक मल्होत्रा को भी मामले में आरोपी बनाया गया है। समाचार एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक अदाणी, गुप्ता और रूपेश अग्रवाल के अलावा कैबनेस सहित अन्य प्रतिवादियों ने कैस डे डिपो एट प्लेसमेंट डु क्यूबेक (सीडीपीक्यू) के लिए काम किया।

First Published : November 21, 2024 | 10:45 PM IST