दक्षिण एशियाई देशों की सबसे बड़े प्राकृतिक गैस वितरण कंपनी गेल इंडिया शहरों में गैस वितरण और सीएनजी के लिए एक सहायक कंपनी बनाने जा रही है। 200 करोड़ रुपये की इक्विटी पूंजी वाली यह कंपनी वाहनों को सीएनजी और घरों को पाइप की सहायता से गैस मुहैया करवाएगी। कंपनी ने इस परियोजना के लिए 17 शहरों की पहचान की है, जिसमें की 500 करोड़ रुपये का निवेश किया जाएगा।
कंपनी के चेयरमैन यूडी चौबे का कहना है कि गेल की यह कंपनी में 200 करोड़ रुपये इक्विटी और 300 करोड़ रुपये का कर्ज के साथ बाजार में उतरेगी। यूडी चौबे के मुताबिक, ‘इस नई कंपनी के बदौलत अपने कारोबार के विस्तान में भी हमें मदद मिलेगी, जो कि निकट भविष्य में होगा।’
गैल की यह सहायक कंपनी वाहनों के लिए दो शहरों में और शहरों के भीतर ईंधन के रूप में सीएनजी का वितरण और मार्केटिंग कार्य, घरेलूव्यावसायिकऔद्योगिक के लिए पाइप की मदद से प्राकृतिक गैस और भारत के कई शहरों और विदेशों में परिवहन वाहनों के लिए ऑटो एलपीजी का कार्य संभालेगी।
यह सहायक कंपनी विभिन्न शहरों में बुनियादी ढांचा बनाने और राष्ट्रीय राज्य मार्गों पर सीएनजी कॉरिडोर बनाने, जिनमें प्राकृति गैस कम्प्रेसर स्टेशंस, सिटी गेट स्टेशन से खपत वाले क्षेत्रों में पाइपलाइन बिछाने और अन्य सहायक सुविधाएं मुहैया करवाना शामिल है, में निवेश करेगी। इस निवेश का कुछ हिस्सा वितरण केन्द्रसीएनजी और ऑटो एलपीजी के लिए रिटेल आउटलेट और टैंकरों की मदद से गैस ढुलाई में भी खर्च किया जाएगा।
नई कंपनी शहरों में और राष्ट्रीय राज्य मार्गों पर बनाए जाने वाले अपने सीएनजी और ऑटो एलपीजी रिटेल आउटलेट्स से रिटेल व्यवसाय से संबंधित अन्य गतिविधियों भी चलाएगी।
गेल के नीतिगत निर्णयों के तहत यह सहायक कंपनी सिटी गैस परियोजना को कार्यान्वित करने के लिए गैस निर्माताओं और रणनीतिक साझेदारों से भी संधि करेगी।
यूडी चौबे का कहना है कि फिलहाल कंपनी के जितने भी संयुक्त उद्यम चल रहे हैं, आगे भी वे इसी तरह काम करेंगे। हालांकि गेल के पास सिटी गैस डिस्ट्रीब्यूशन ज्वाइंट वैंचर कंपनीज के अपने शेयर और आगरा फिरोजाबाद स्थानीय वितरण नेटवर्क की परिसंपत्ति को इस नई कंपनी को हस्तांतरित करने का विकल्प मौजूद है।
गेल ने चरणबध्द तरीके से सिटी गैस वितरण के लिए वर्तमान और प्रस्तावित पाइपलाइनों के आस-पास 230 शहरों की पहचान की है। पहले चरण में 17 शहरों की पहचान की जा चुकी है, जहां के लिए सहायक कंपनी पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस नियामक बोर्ड से अधिकार पत्र हासिल करेगी। उसके बाद गेल की सहायक कंपनी बोर्ड से देशभी में सिटी गैस वितरण परियोजनाओं को चलाने के लिए अधिकार पत्र हासिल करेगी। इस कंपनी को सबसे बड़ा फायदा वर्तमान में, गेल के देशभर में फैले 6,700 किलोमीटर से भी अधिक और 5,500 किलोमीटर लंबे प्रस्तावित नेटवर्क का मिलेगा। इसकी मदद से देश भर के विभिन्न हिस्सों में प्राकृतिक गैस का परिवहन आराम से किया जा सकेगा।
