एफएमसीजी

FMCG सेक्टर की कंपनियों की वॉल्यूम ग्रोथ में सुधार के संकेत, ग्रामीण भारत से कम मांग बनी थी रुकावट

डाबर इंडिया ने भी कंपनी परिणाम के बाद निवेशकों को बताया कि जून में समाप्त तिमाही के दौरान वॉल्यूम वृद्धि में सुधार के संकेत दिखे हैं।

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शार्लीन डिसूजा   
Last Updated- August 04, 2024 | 10:12 PM IST

दैनिक उपभोक्ता वस्तु (एफएमसीजी) क्षेत्र की कंपनियों की वॉल्यूम वृद्धि में सुधार के संकेत दिखने शुरू हो गए हैं क्योंकि ग्रामीण क्षेत्र में सुधार के संकेत मिलने लगे हैं और उसने शहरी क्षेत्र से आगे निकलना शुरू कर दिया है। कंपनियों को उम्मीद है कि आने वाली तिमाहियों में भी यह रुझान जारी रहेगा। देश की सबसे बड़ी एफएमसीजी कंपनियों में शुमार हिंदुस्तान यूनिलीवर ने भी अप्रैल-जून तिमाही के दौरान वॉल्यूम में सुधार देखा है। कंपनी ने चार प्रतिशत की वॉल्यूम वृद्धि दर्ज की है।

एफएमसीजी कंपनियों को ग्रामीण भारत में पिछले एक साल से भी ज्यादा समय से उपभोक्ताओं की कम मांग से जूझना पड़ता रहा है, जिससे उनका वॉल्यूम प्रभावित हो रहा था।

डाबर इंडिया ने भी कंपनी परिणाम के बाद निवेशकों को बताया कि जून में समाप्त तिमाही के दौरान वॉल्यूम वृद्धि में सुधार के संकेत दिखे हैं।

कंपनी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी मोहित मल्होत्रा ने निवेशकों से कहा, ‘पिछली तीन तिमाहियों से हमने वॉल्यूम में तीन से चार प्रतिशत और अब पांच प्रतिशत की वृद्धि देखी है और मैं तिमाही आधार पर डाबर की वॉल्यूम वृद्धि की बात कर रहा हूं। यह धीरे-धीरे बढ़ती जा रही है। चालू तिमाही में 5.2 प्रतिशत की वॉल्यूम वृद्धि देखी गई है। जुलाई महीने में भी हमने वॉल्यूम वृद्धि में कोई कमी नहीं देखी है।’

उन्होंने कहा, ‘वॉल्यूम बढ़ रहा है। पिछली तिमाही के मुकाबले आने वाली तिमाहियों में वॉल्यूम बढ़ेगा। लेकिन मूल्य वृद्धि तथा मूल्य में इजाफा करने की क्षमता कम हो रही है। आगे चलकर ग्रामीण क्षेत्रों में वृद्धि के कारण हमारे वॉल्यूम बढ़ेंगे। इसलिए मुझे उम्मीद है कि अगली तिमाहियां मौजूदा तिमाहियों से बेहतर होंगी और पक्के तौर पर कतई खराब नहीं होंगी।’

एचयूएल के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्य अधिकारी रोहित जावा ने भी अपने निवेशकों को बताया कि पिछले दो वर्षों में बाजार के वॉल्यूम में धीरे-धीरे सुधार हुआ है। हालांकि कंपनी की उम्मीद से काफी कम रहा है। लगातार अधिक मुद्रास्फीति और मौसम के अनियमित व्यवहार के असर की वजह से ऐसा हुआ है। इस कारण ग्रामीण विकास, जो शहरी क्षेत्र से आगे निकल जाया करता था, पिछले साल शहरी क्षेत्र से पिछड़ गया था।

उन्होंने कहा ‘पिछले कुछ महीनों में हम ग्रामीण मांग में सुधार के कुछ सकारात्मक संकेत देख रहे हैं। हालांकि दो साल के सीएजीआर में ग्रामीण विकास अब भी शहरी क्षेत्र से पीछे है। हम ग्रामीण विकास पर लगातार बारीकी से नजर रख रहे हैं।’

ब्रिटानिया इंडस्ट्रीज के वाइस चेयरमैन और प्रबंध निदेशक वरुण बेरी ने भी जून तिमाही की आमदनी के विवरण में कहा कि बिस्किट निर्माता ने इस तिमाही के दौरान चार प्रतिशत की सामान्य राजस्व वृद्धि दर्ज की। एक अंक में ऊंचे स्तर की वॉल्यूम वृद्धि और पिछले वर्ष की तुलना में बेहतर परिचालन मार्जिन के कारण ऐसा हुआ।

First Published : August 4, 2024 | 10:12 PM IST