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माइक्रोसॉफ्ट ने भारत में पहली बार बदला संचालन और अनुपालन का ढांचा

डिजिटल प्रतिबद्धताओं का यह नया सेट 'भारत के लिए' तैयार किया गया है और संचालन, साइबर सुरक्षा तथा एआई कौशल पर केंद्रित है

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शिवानी शिंदे   
Last Updated- October 09, 2025 | 10:58 PM IST

भारत में पहली बार माइक्रोसॉफ्ट ने सार्वजनिक क्षेत्र और महत्त्वपूर्ण बुनियादी ढांचे के ग्राहकों के लिए अपने संचालन और अनुपालन ढांचे में बदलाव किया है। कंपनी की यह कवायद दुनिया भर में बढ़ती भूराजनीतिक अनिश्चितता और नियामक खंडन के बीच आई है।

कंपनी ने यह घोषणा हाल ही में आई अदालत के एक फैसले के बाद की है, जिसमें ऊर्जा कंपनी नायरा एनर्जी को प्रतिबंधों से जुड़ी चिंताओं के कारण सेवा निलंबित होने के बाद माइक्रोसॉफ्ट के पास पड़ी अपने डेटा को पुनः लेने के लिए न्यायिक हस्तक्षेप की मांग करनी पड़ी थी।

रेडमॉन्ड की इस प्रौद्योगिकी दिग्गज ने कहा कि अद्यतन संचालन मॉडल का मकसद देश की प्राथमिकताओं के साथ सामंजस्य बिठाते हुए भारत की स्वास्थ्य सेवा, ऊर्जा, दूरसंचार और वित्तीय सेवाओं जैसे रणनीतिक क्षेत्रों के लिए एक भरोसेमंद, दीर्घकालिक भागीदार के रूप में अपनी भूमिका को और मजबूत करना है।

डिजिटल प्रतिबद्धताओं का यह नया सेट ‘भारत के लिए’ तैयार किया गया है और संचालन, साइबर सुरक्षा और एआई कौशल पर केंद्रित है। इन बदलावों की घोषणा माइक्रोसॉफ्ट लीडर्स फोरम: भारत का डिजिटल भविष्य में की गई।

अपने ब्लॉग में माइक्रोसॉफ्ट के क्षेत्रीय उपाध्यक्ष (कॉरपोरेट एक्सटर्नल और लीगल अफेयर्स) माइक येह ने कहा, ‘बढ़ती भू-राजनीतिक जटिलता और वैश्विक नियामक विखंडन को ध्यान में रखते हुए माइक्रोसॉफ्ट ने अपने जोखिम-आधारित अनुपालन ढांचे को अपडेट किया है, जिसमें सेवाओं की मजबूती सुनिश्चित करने के वास्ते सत्यापन जांच बिंदु, उन्नयन मार्ग और अंतर-कार्यात्मक निरीक्षण शामिल हैं। यह दृष्टिकोण सुनिश्चित करता है कि अनुपालन क्रियाएं आनुपातिक, संदर्भ-संवेदनशील और कानूनी रूप से मजबूत हों।’

येह ने कहा कि माइक्रोसॉफ्ट अपने ग्राहकों के साथ अपने अनुबंधों में पारदर्शिता बढ़ाएगी और ग्राहक आश्वासन को मजबूत करेगी। कंपनी सेवा निलंबन को अनिवार्य करने वाले किसी भी विदेशी सरकार के आदेश के बारे में ग्राहकों को सूचित करने के लिए सर्वोत्तम प्रयास करेगी, कानूनी माध्यमों से ऐसे किसी भी आदेश को वापस लेने की वकालत करेगी और सेवा निरंतरता बनाए रखने के लिए निषेधाज्ञा राहत की मांग कर सकती है। हम ग्राहकों के साथ सद्भावनापूर्वक सहयोग करने के लिए भी प्रतिबद्ध हैं ताकि उनके डेटा तक पहुंच बनाए रखी जा सके और व्यावसायिक व्यवधान को कम किया जा सके।

यह कवायद भू-राजनीतिक रूप से संवेदनशील क्षेत्रों में काम कर रही भारतीय कंपनियों के लिए महत्त्वपूर्ण है। उदाहरण के लिए, रूस पर अमेरिका और यूरोपीय संघ के प्रतिबंध हैं। नायरा एक भारत-रूसी तेल शोधन और विपणन कंपनी है। यह कंपनी गुजरात के कच्छ के द्वारका जिले में स्थित वडिनार रिफाइनरी का संचालन करती है।

माइक्रोसॉफ्ट से अपने डेटा तक पहुंच पाने में दिल्ली उच्च न्यायालय से राहत मिलने के बाद, कंपनी ने जर्मन मुख्यालय वाली कंपनी एसएपी के खिलाफ भी अदालत का रुख किया, क्योंकि उसने उसकी सॉफ्टवेयर सेवाएं निलंबित कर दी थीं। एसएपी अदालत को बताया कि वह सेवाएं प्रदान नहीं कर सकती क्योंकि उसे अपनी मूल कंपनी के सहयोग की आवश्यकता है।

उल्लेखनीय है कि माइक्रोसॉफ्ट के लिए भारत एक महत्त्वपूर्ण बाजार है। कंपनी के चेयरमैन और मुख्य कार्य अधिकारी सत्य नडेला ने इसी साल जनवरी में साल 2030 तक 3 अरब डॉलर के निवेश और 1 करोड़ लोगों को प्रशिक्षण देने का वादा किया था।

First Published : October 9, 2025 | 10:40 PM IST