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मांग घटने की वजह से जमा होने लगा FMCG का स्टॉक

पंजाब में एफएमसीजी सामान के एक वितरक ने कहा, ‘कमजोर मांग का प्रभाव दिखना शुरू हो गया है और वास्तविक असर तब दिखेगा जब हम फसल कटाई सीजन के नजदीक पहुंचेंगे।’

Last Updated- September 10, 2023 | 10:59 PM IST
उपभोक्ता सामान बनाने वाली कंपनियों को बिक्री में वृद्धि जारी रहने की उम्मीद Consumer goods companies expected to continue increasing sales

उपभोक्ता मांग कमजोर पड़ने से एफएमसीजी आपूर्ति श्रृंखला में इजाफा होने लगा है। बारिश अगस्त के ज्यादातर समय में अनि​श्चित बनी रही जिससे आय और उपभोक्ता मांग प्रभावित हुई है। इसके परिणामस्वरूप, स्टाकिस्टों के लिए इन्वेंट्री दिनों की संख्या बढ़ी है, वहीं रिटेलरों और वितरकों के बीच क्रेडिट दिनों में भी इजाफा हुआ है।

बदलते परिवेश के बीच, वितरकों और स्टाकिस्टों ने अपनी खरीदारी भी सीमित की है। महाराष्ट्र के एक वितरक ने नाम नहीं छापे जाने के अनुरोध के साथ कहा कि मांग धीरे धीरे घट रही है। मौजूदा समय में उनके पास बचा हुआ माल अब 9 दिन का है, जो उनके औसत की तुलना में दो दिन ज्यादा है। उन्होंने शैम्पू से साबुन जैसे उत्पादों के लिए अपने ऑर्डर करीब 10 प्र​तिशत तक घटाए हैं। उन्होंने कहा, ‘रिटेल से कम ऑर्डर आ रहे हैं, जिसकी वजह से हम कम मात्रा में माल मांगा रहे हैं।’

महाराष्ट्र के पूर्वी क्षेत्र से एक अन्य वितरक ने कहा कि इन्वेंट्री हो​​ल्डिंग दिनों की संख्या पिछले एक महीने में दोगुनी हुई है। मांग कमजोर पड़ने से 15-18 दिन के औसत से, यह बढ़कर 30 दिन तक पहुंच गई है।’

रिटेलरों का कहना है कि भुगतान की अव​धि 12-14 दिन से बढ़कर करीब 25 दिन हो गई है। समान हालात देश के उत्तरी क्षेत्र में भी बने हुए हैं, क्योंकि थोक विक्रेता और रिटेलर अपना स्टॉक घटा रहे हैं। पंजाब में एफएमसीजी सामान के एक वितरक ने कहा, ‘कमजोर मांग का प्रभाव दिखना शुरू हो गया है और वास्तविक असर तब दिखेगा जब हम फसल कटाई सीजन के नजदीक पहुंचेंगे।’

उन्होंने भी कहा कि रिटेलरों और सेमी-होलसेलरों के क्रेडिट दिनों की संख्या 15 के औसत से बढ़कर 21 तक पहुंच गई थी। वितरक को यह और खराब होकर 30 दिन तक पहुंच जाने की आशंका है, क्योंकि उपभोक्ताओं ने खर्च कम कर दिया है। कंपनियों को यह भी आशंका है कि पिछले कुछ महीनों में पैदा हुई मांग सुधार की उम्मीद सीमित हो सकती है, क्योंकि उपभोक्ता कम खरीदारी कर रहे हैं। कुछ कंपनियां अपने विकास परिदृश्य में बदलाव ला सकती हैं।

एनआईक्यू (पुराना नाम नीलसनआईक्यू) ने जून तिमाही के लिए अपनी ‘एफएमसीजी स्नैपशॉट’ रिपोर्ट में कहा है कि भारत में उद्योग पूर्ववर्ती तिमाही और एक साल पहले की 10.9 प्रतिशत के मुकाबले वैल्यू के संदर्भ में 12.2 प्रतिशत की दर से बढ़ा।

First Published - September 10, 2023 | 10:59 PM IST

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