facebookmetapixel
सुप्रीम कोर्ट ने कहा: बिहार में मतदाता सूची SIR में आधार को 12वें दस्तावेज के रूप में करें शामिलउत्तर प्रदेश में पहली बार ट्रांसमिशन चार्ज प्रति मेगावॉट/माह तय, ओपन एक्सेस उपभोक्ता को 26 पैसे/यूनिट देंगेबिज़नेस स्टैंडर्ड के साथ इंटरव्यू में बोले CM विष्णु देव साय: नई औद्योगिक नीति बदल रही छत्तीसगढ़ की तस्वीर22 सितंबर से नई GST दर लागू होने के बाद कम प्रीमियम में जीवन और स्वास्थ्य बीमा खरीदना होगा आसानNepal Protests: सोशल मीडिया प्रतिबंध के खिलाफ नेपाल में भारी बवाल, 14 की मौत; गृह मंत्री ने छोड़ा पदBond Yield: बैंकों ने RBI से सरकारी बॉन्ड नीलामी मार्च तक बढ़ाने की मांग कीGST दरों में कटौती लागू करने पर मंथन, इंटर-मिनिस्ट्रियल मीटिंग में ITC और इनवर्टेड ड्यूटी पर चर्चाGST दरों में बदलाव से ऐमजॉन को ग्रेट इंडियन फेस्टिवल सेल में बंपर बिक्री की उम्मीदNDA सांसदों से PM मोदी का आह्वान: सांसद स्वदेशी मेले आयोजित करें, ‘मेड इन इंडिया’ को जन आंदोलन बनाएंBRICS शिखर सम्मेलन में बोले जयशंकर: व्यापार बाधाएं हटें, आर्थिक प्रणाली हो निष्पक्ष; पारदर्शी नीति जरूरी

EPAM Systems के नए CEO बोले: कंपनी लगा रही AI पर बड़ा दांव, ग्राहकों की जरूरतों पर रहेगा फोकस

नए CEO फ्रेयश ने 1 सितंबर को सीईओ का पद संभाला और वह पिछले महीने अपने वैश्विक दौरे अभियान के तहत भारत भी आए

Last Updated- September 08, 2025 | 9:45 PM IST
EPAM Systems

अमेरिका के शेयर बाजार सूचकांकों में से एक नैस्डैक में सूचीबद्ध प्रोडक्ट इंजीनियरिंग सेवा कंपनी, ईपीएएम सिस्टम्स अपनी वृद्धि के अगले चरण में आर्टिफिशल इंटेलिजेंस (एआई) पर दांव लगा रही है। कंपनी के नव नियुक्त अध्यक्ष और मुख्य कार्यकारी अधिकारी बलाश फ्रेयश ने कहा कि कंपनी खुद को एक एआई-संचालित संगठन के रूप में दोबारा स्थापित कर रही है क्योंकि विभिन्न उद्योगों में ग्राहक, अब प्रयोग के बजाय एआई परियोजनाओं के बड़े पैमाने पर क्रियान्वयन की ओर बढ़ रहे हैं।

फ्रेयश ने बिज़नेस स्टैंडर्ड को बताया, ‘इस समय, हम अपनी स्वभाविक वृद्धि का अनुभव कर रहे हैं। हमारी विशेष इंजीनियरिंग क्षमताओं पर आधारित निर्माण और बदलाव की क्षमताओं की मांग ईपीएएम में वापस आ गई है। हमारा ध्यान इस बात पर होगा कि हम साल को कैसे आगे बढ़ाएंगे और साल का अंत कैसे होगा।’  

फ्रेयश ने 1 सितंबर को सीईओ का पद संभाला और वह पिछले महीने अपने वैश्विक दौरे अभियान के तहत भारत भी आए। इससे पहले, वह ईपीएएम में मुख्य राजस्व अधिकारी और वैश्विक कारोबार के अध्य क्ष थे।  न्यूयॉर्क स्टॉक एक्सजेंच में सूचीबद्ध इस कंपनी में 62,000 से अधिक कर्मचारी हैं, जिनमें से लगभग 12,000 कर्मचारी भारत के गुरुग्राम और हैदराबाद में हैं।

अप्रैल-जून 2025 की तिमाही के लिए, ईपीएएम सिस्टम्स ने 1.35 अरब डॉलर का राजस्व दर्ज किया, जो सालाना आधार पर 18 फीसदी से अधिक है। साथ ही, कंपनी ने 2025 कैलेंडर वर्ष के लिए अपने राजस्व वृद्धि को 13 से 15 फीसदी के बीच रहने का अनुमान लगाया है। फ्रेयश ने तब कहा था कि यह वृद्धि जारी रहेगी क्योंकि कंपनी के ग्राहक अपनी एआई से जुड़ी तैयारी और प्रारंभिक कार्यों को प्राथमिकता दे रहे हैं।उन्होंने साक्षात्कार के दौरान कहा कि भविष्य में, एआई के आने के साथ मांग की प्रकृति बदल गई है इसलिए कंपनी को अपने अधिक ग्राहक-केंद्रित रवैये पर जोर देना होगा।

फ्रेयश ने कहा, ‘अभी, हमें वास्तव में अपने ग्राहकों की बात सुनने की जरूरत है क्योंकि उनकी जरूरतें बहुत तेजी से बदल रही हैं। यह हमारे लिए महत्वपूर्ण भी है क्योंकि इस समय ग्राहक की जरूरतें कारोबार में बदलाव के रूप में सामने आ रही हैं। अब किसी संगठन में आंतरिक स्तर पर एआई केंद्र में नहीं है।’

उन्होंने कहा कि विभिन्न क्षेत्रों में एआई आधारित बदलाव, उन ग्राहकों द्वारा किए जा रहे हैं जो आगे बढ़ना चाहते हैं और अपनी कंपनियों में बड़े बदलाव लाना चाहते हैं, न कि किसी विशेष क्षेत्र द्वारा यह बदलाव संचालित हो रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि एआई और बड़े-भाषा मॉडल-आधारित बदलावों के कारण कारोबार सूचना और शिक्षा का क्षेत्र सबसे अधिक प्रभावित हो रहा है। ईपीएएम के लिए, सभी तरह के ग्राहकों और कंपनियों ने एआई को केंद्र में रखकर नई परियोजनाओं के बारे में सोचना शुरू कर दिया है। उन्होंने कहा कि हालांकि अधिकांश डिजिटल-घरेलू कंपनियों ने एआई बदलावों में नेतृत्व किया है, लेकिन अब बड़ी कंपनियां भी पीछे नहीं हैं और दो साल पहले के प्रयोग के चरण से एआई परियोजनाओं के क्रियान्वयन के चरण में आ गई हैं। फ्रेयश ने कहा, ‘लोग अब प्रयोग करना बंद कर चुके हैं। वे अब अलग-अलग क्षेत्रों में क्रियान्वयन के चरण में हैं जैसे कि एआई को सॉफ्टवेयर डेवलपर के जीवन चक्र आदि से जोड़ना ताकि यह हकीकत बन जाए और वास्तविक क्षमता दे पाए। यह रुझान हमारे सभी ग्राहकों के आधार में देखा जा रहा है।’ उन्होंने कहा कि भारत जैसे बाजारों में कंपनी, वैश्विक क्षमता केंद्र (जीसीसी) की संख्या में बढ़ोतरी के कारण ही आगे बढ़ी है।

First Published - September 8, 2025 | 9:45 PM IST

संबंधित पोस्ट