अमेरिका के शेयर बाजार सूचकांकों में से एक नैस्डैक में सूचीबद्ध प्रोडक्ट इंजीनियरिंग सेवा कंपनी, ईपीएएम सिस्टम्स अपनी वृद्धि के अगले चरण में आर्टिफिशल इंटेलिजेंस (एआई) पर दांव लगा रही है। कंपनी के नव नियुक्त अध्यक्ष और मुख्य कार्यकारी अधिकारी बलाश फ्रेयश ने कहा कि कंपनी खुद को एक एआई-संचालित संगठन के रूप में दोबारा स्थापित कर रही है क्योंकि विभिन्न उद्योगों में ग्राहक, अब प्रयोग के बजाय एआई परियोजनाओं के बड़े पैमाने पर क्रियान्वयन की ओर बढ़ रहे हैं।
फ्रेयश ने बिज़नेस स्टैंडर्ड को बताया, ‘इस समय, हम अपनी स्वभाविक वृद्धि का अनुभव कर रहे हैं। हमारी विशेष इंजीनियरिंग क्षमताओं पर आधारित निर्माण और बदलाव की क्षमताओं की मांग ईपीएएम में वापस आ गई है। हमारा ध्यान इस बात पर होगा कि हम साल को कैसे आगे बढ़ाएंगे और साल का अंत कैसे होगा।’
फ्रेयश ने 1 सितंबर को सीईओ का पद संभाला और वह पिछले महीने अपने वैश्विक दौरे अभियान के तहत भारत भी आए। इससे पहले, वह ईपीएएम में मुख्य राजस्व अधिकारी और वैश्विक कारोबार के अध्य क्ष थे। न्यूयॉर्क स्टॉक एक्सजेंच में सूचीबद्ध इस कंपनी में 62,000 से अधिक कर्मचारी हैं, जिनमें से लगभग 12,000 कर्मचारी भारत के गुरुग्राम और हैदराबाद में हैं।
अप्रैल-जून 2025 की तिमाही के लिए, ईपीएएम सिस्टम्स ने 1.35 अरब डॉलर का राजस्व दर्ज किया, जो सालाना आधार पर 18 फीसदी से अधिक है। साथ ही, कंपनी ने 2025 कैलेंडर वर्ष के लिए अपने राजस्व वृद्धि को 13 से 15 फीसदी के बीच रहने का अनुमान लगाया है। फ्रेयश ने तब कहा था कि यह वृद्धि जारी रहेगी क्योंकि कंपनी के ग्राहक अपनी एआई से जुड़ी तैयारी और प्रारंभिक कार्यों को प्राथमिकता दे रहे हैं।उन्होंने साक्षात्कार के दौरान कहा कि भविष्य में, एआई के आने के साथ मांग की प्रकृति बदल गई है इसलिए कंपनी को अपने अधिक ग्राहक-केंद्रित रवैये पर जोर देना होगा।
फ्रेयश ने कहा, ‘अभी, हमें वास्तव में अपने ग्राहकों की बात सुनने की जरूरत है क्योंकि उनकी जरूरतें बहुत तेजी से बदल रही हैं। यह हमारे लिए महत्वपूर्ण भी है क्योंकि इस समय ग्राहक की जरूरतें कारोबार में बदलाव के रूप में सामने आ रही हैं। अब किसी संगठन में आंतरिक स्तर पर एआई केंद्र में नहीं है।’
उन्होंने कहा कि विभिन्न क्षेत्रों में एआई आधारित बदलाव, उन ग्राहकों द्वारा किए जा रहे हैं जो आगे बढ़ना चाहते हैं और अपनी कंपनियों में बड़े बदलाव लाना चाहते हैं, न कि किसी विशेष क्षेत्र द्वारा यह बदलाव संचालित हो रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि एआई और बड़े-भाषा मॉडल-आधारित बदलावों के कारण कारोबार सूचना और शिक्षा का क्षेत्र सबसे अधिक प्रभावित हो रहा है। ईपीएएम के लिए, सभी तरह के ग्राहकों और कंपनियों ने एआई को केंद्र में रखकर नई परियोजनाओं के बारे में सोचना शुरू कर दिया है। उन्होंने कहा कि हालांकि अधिकांश डिजिटल-घरेलू कंपनियों ने एआई बदलावों में नेतृत्व किया है, लेकिन अब बड़ी कंपनियां भी पीछे नहीं हैं और दो साल पहले के प्रयोग के चरण से एआई परियोजनाओं के क्रियान्वयन के चरण में आ गई हैं। फ्रेयश ने कहा, ‘लोग अब प्रयोग करना बंद कर चुके हैं। वे अब अलग-अलग क्षेत्रों में क्रियान्वयन के चरण में हैं जैसे कि एआई को सॉफ्टवेयर डेवलपर के जीवन चक्र आदि से जोड़ना ताकि यह हकीकत बन जाए और वास्तविक क्षमता दे पाए। यह रुझान हमारे सभी ग्राहकों के आधार में देखा जा रहा है।’ उन्होंने कहा कि भारत जैसे बाजारों में कंपनी, वैश्विक क्षमता केंद्र (जीसीसी) की संख्या में बढ़ोतरी के कारण ही आगे बढ़ी है।