एयर इंडिया के मुख्य कार्य अधिकारी और प्रबंध निदेशक कैंपबेल विल्सन ने आज कहा कि कंपनी यह सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है कि जून में एआई-171 विमान हादसे से प्रभावित परिवारों को मिलने वाला अनुग्रह भुगतान ‘उचित और अच्छी तरह से
प्रबंधित’ तरीके से हो। उन्होंने कहा कि भुगतान देने की रफ्तार परिवारों द्वारा दी गई जानकारी और दस्तावेजों पर निर्भर करती है तथा साथ ही सही पाने वालों के संबंध में किसी भी सवाल के समाधान पर भी।
विल्सन ने सोमवार को संवाददाता सम्मेलन के दौरान कहा कि विमानन कंपनी के विमानों के बेड़े का आकार मार्च 2027 तक काफी हद तक स्थिर रहेगा और स्पष्ट इजाफे की उम्मीद वित्त वर्ष 28 में ही है। उन्होंने कहा कि कंपनी के विमानों के बेड़े में अभी 187 विमान हैं।
12 जून को लंदन जाने वाला एयर इंडिया का विमान एआई171 अहमदाबाद एयरपोर्ट से उड़ान भरने के थोड़ी देर बाद ही हादसे का शिकार हो गया था और उसमें सवार 241 लोग तथा जमीन पर 19 लोग मारे गए थे और केवल एक ही व्यक्ति बच पाया था। इसके अलावा जमीन पर लगभग 81 लोग घायल हुए थे।
विल्सन ने कहा कि लगभग 70 परिवारों को मुआवजा पहले ही दिया जा चुका है। उन्होंने कहा, ‘हमने लगभग 70 परिवारों को मुआवजा पहले ही दे दिया है। हम 50 और परिवारों को मुआवजा देने की प्रक्रिया में हैं और बाकी संपर्क और दस्तावेज संबंधी अलग-अलग चरण में हैं।’
एयर इंडिया के नैरोबॉडी विमानों की रेट्रोफिटिंग के संबंध में विल्सन ने कहा कि अपग्रेड कार्यक्रम लगभग पूरा हो चुका है। उन्होंने कहा, ‘अभी नैरोबॉडी वाले बेड़े का लगभग 83 प्रतिशत अपग्रेड हो चुका है और जिन 17 विमानों को अभी अपग्रेड किया जाना है, उन्हें हमने असल में रिटायर करने की योजना बनाई थी, लेकिन एयरबस और बोइंग से धीमी डिलिवरी के कारण उन्हें रखने का फैसला किया। तो असल में नैरोबॉडी रिफिट का शुरुआती चरण पूरा हो गया है, बस हमने इसमें और विमान जोड़े हैं।’