facebookmetapixel
Year Ender: युद्ध की आहट, ट्रंप टैरिफ, पड़ोसियों से तनाव और चीन-रूस संग संतुलन; भारत की कूटनीति की 2025 में हुई कठिन परीक्षाYear Ender 2025: टैरिफ, पूंजी निकासी और व्यापार घाटे के दबाव में 5% टूटा रुपया, एशिया की सबसे कमजोर मुद्रा बनाStock Market 2025: बाजार ने बढ़त के साथ 2025 को किया अलविदा, निफ्टी 10.5% उछला; सेंसेक्स ने भी रिकॉर्ड बनायानिर्यातकों के लिए सरकार की बड़ी पहल: बाजार पहुंच बढ़ाने को ₹4,531 करोड़ की नई योजना शुरूVodafone Idea को कैबिनेट से मिली बड़ी राहत: ₹87,695 करोड़ के AGR बकाये पर लगी रोकYear Ender: SIP और खुदरा निवेशकों की ताकत से MF इंडस्ट्री ने 2025 में जोड़े रिकॉर्ड ₹14 लाख करोड़मुंबई में 14 साल में सबसे अधिक संपत्ति रजिस्ट्रेशन, 2025 में 1.5 लाख से ज्यादा यूनिट्स दर्जसर्वे का खुलासा: डर के कारण अमेरिका में 27% प्रवासी, ग्रीन कार्ड धारक भी यात्रा से दूरBank Holiday: 31 दिसंबर और 1 जनवरी को जानें कहां-कहां बंद रहेंगे बैंक; चेक करें हॉलिडे लिस्टStock Market Holiday New Year 2026: निवेशकों के लिए जरूरी खबर, क्या 1 जनवरी को NSE और BSE बंद रहेंगे? जानें

शीर्ष आईटी फर्मों में घटे कर्मचारी

Last Updated- December 15, 2022 | 4:36 AM IST

वर्ष 2008-09 के वैश्विक वित्तीय संकट के बाद ऐसा पहली बार हुआ है जब देश की सभी चारों शीर्ष आईटी सेवा प्रदाता कंपनियों – टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज, इन्फोसिस, विप्रो और एचसीएल टेक्नोलॉजीज के कर्मचारियों की शुद्घ संख्या चालू वित्त वर्ष की अप्रैल-जून तिमाही में घटी है। बीएस रिसर्च ब्यूरो द्वारा संकलित आंकड़ों से पता चलता है कि बीते एक दशक में शीर्ष चार आईटी फर्मों के कर्मचारियों की संख्या में कभी कमी नहीं आई है लेकिन कोविड-19 महामारी ने आईटी उद्योग पर व्यापक प्रभाव डाला है।
चालू वित्त वर्ष की जून तिमाही के अंत तक शीर्ष चार भारतीय आईटी फर्मों में 10,15,000 कर्मचारी नियुक्त थे। हालांकि इससे पिछली तिमाही में कर्मचारियों की कुल संख्या से यह 9,144 कम है। इस दौरान टीसीएस में 4,788 कर्मचारी कम हुए, जो पिछली तिमाही से 3,138 कम है।
इसी तरह एचसीएल टेक्नोलॉजीज के कुल कर्मचारियों की संख्या में 136 कर्मचारी कम हुए, जबकि विप्रो में इस दौरान 1,082 कर्मचारी कम हुए।
दिग्गज घरेलू आईटी कंपनियों ने बाहर सेे शीर्ष पदों पर भर्तियां बंद कर दी हैं, वहीं खाली हुए पदों पर आंतरिक स्तर से कर्मचारियों को तैनात किया जा रहा है, जिसकी वजह से कुल कर्मचारियों की संख्या घटी है। उद्योग के विशेषज्ञों और कंपनी के अधिकारियों के अनुसार कोविड-19 के कारण परियोजनाओं में देरी और कुछ परियोजनाओं के रद्द होने से रिटेल तथा यात्रा एवं आतिथ्य क्षेत्र का कारोबार बुरी तरह प्रभावित हुआ है। इसकी वजह से आईटी कंपनियों को लागत कटौती के कई उपाय करने पड़े हैं।
आईटी कंपनियों की कुल लागत में करीब 55 से 60 फीसदी खर्च कर्मचारियों के वेतन मद में होता है। ऐसे में कंपनियों ने नई भर्तियां रोक दी हैं और उपयोगिता स्तर को बढ़ाने पर ध्यान दे रही हैं।
एचसीएल टेक्नोलॉजीज के मुख्य मानव संसाधन अधिकारी वी वी अप्पाराव ने कहा, ‘बेंच के करीब 4 से 5 फीसदी कर्मचारियों को जून तिमाही के दौरान 1,500 से 2,000 रिक्तियों की जगह तैनात किया गया है। इससे उपयोगिता स्तर में करीब 1.5 से 2 फीसदी का इजाफा हुआ है।’ वृद्घि का परिदृश्य स्पष्ट नहीं होने और कर्मचारियों की कंपनी छोडऩे की दर में कमी आने से कर्मचारियों की कुल संख्या घटी है।
टीसीएस ने नए पदों और नए काम पर आंतरिक प्रतिभा का इस्तेमाल किया है। टीसीएस में मानव संसाधन के वैश्विक प्रमुख मिलिंद लाकड़ ने कहा, ‘अपने परिचालन उत्कृष्टता के जरिये हमने खाली हुए पदों पर नई भर्तियां नहीं कीं और उसकी जगह कंपनी के मौजूदा कर्मचारियों को ही तैनात किया। रणनीतिक प्रतिभा प्रबंधन के जरिये करीब 4,500 कर्मचारियों को कनिष्ठ पदों पर तैनात किया गया है।’
इन्फोसिस ने खाली हुए पदों पर बाहरी लोगों को नियुक्त नहीं करने का निर्णय किया जिसकी वजह से कुल कर्मचारियों की संख्या घटी है। हालांकि कंपनी बेहतर कौशल वाले लोगों को कंपनी कके साथ जोडऩा जारी रखा है। जून तिमाही के दौरान कर्मचारियों की कंपनी छोडऩे की दर 20.2 फीसदी से घटकर 11.7 फीसदी रह गई।
वैश्विक कंसल्टेंसी फर्म ओमिडा के अनुसार अनिश्चित मांग के कारण करीब 15 अरब डॉलर मूल्य के अनुबंध जून से सितंबर के बीच नवीनीकृत होने हैं लेकिन इसमें देरी हो रही है या रद्द हो गए हैं।

First Published - July 20, 2020 | 11:18 PM IST

संबंधित पोस्ट