प्रवर्तन निदेशालय ने रेलिगेयर एंटरप्राइजेज की कार्यकारी चेयरपर्सन रश्मि सलूजा और समूह के तीन अन्य अधिकारियों के परिसर की बुधवार को तलाशी ली। कंपनी ने एक्सचेंज को भेजी सूचना में ये बातें कही है। कंपनी ने कहा, लगता है यह तलाशी मुंबई में 2023 में दर्ज एफआईआर को लेकर हुई है, जो आरईएल के शेयरधारकों के साथ धोखाधड़ी व आपराधिक षडयंत्र से संबंधित हो सकती है।
समूह के सीएफओ नितिन अग्रवाल, समूह के जनरल काउंसल निशांत सिंघल और रेलिगेयर फिनवेस्ट के मुख्य परिचालन अधिकारी चिराग जैन के परिसर की भी तलाशी ली गई। आरईएल ने कहा कि एफआईआर में 14 लोगों के नाम आरोपी के तौर पर है, जिसमें आरईएल के पूर्व प्रवर्तक, अधिग्रहण करने वाली बर्मन समूह की चार कंपनियां (जो ओपन ऑफर लाई थी) और बर्मन फैमिली के सदस्य शामिल हैं।
बर्मन फैमिली आरईएल की सबसे बड़ी शेयरधारक है और अभी उसका आरईएल की चेयरपर्सन के साथ वित्तीय फर्म के नियंत्रण को लेकर विवाद चल रहा है, जिसके पास बीमा, उधारी व ब्रोकिंग बिजनेस का लाइसेंस है। आरईएल ने कहा कि प्रवर्तन निदेशालय ने सलूजा व तीन अन्य अधिकारियों के ईसॉप्स पर रोक लगा दी है, जिसे आरईएल की इकाई केयर हेल्थ इंश्योरेंस ने जारी किया था।
आरईएल ने एक्सचेंज को दी सूचना में कहा कि तलाशी के दौरान कोई आपत्तिजनक दस्तावेज या डिजिटल उपकरण नहीं पाए गए और अधिकारियों ने जरूरी सूचना व दस्तावेज देने में ईडी के अधिकारियों के साथ सहयोग किया। इसमें कहा गया है, 23 अगस्त की बोर्ड बैठक में निदेशक मंडल को इससे अवगत कराया गया और पूरी घटनाक्रम पर विस्तृत चर्चा हुई। बोर्ड के सदस्यों ने प्रबंधन के साथ खड़े रहने का फैसला लिया और उस पर भरोसा जताया।
इस महीने प्रतिभूति अपील पंचाट ने सलूजा को आवंटित ईसॉप्स के खिलाफ आईआरडीएआई के आदेश पर अंतिम आदेश आने तक रोक लगा दी थी। पंचाट ने सलूजा को केयर हेल्थ की तरफ से ईसॉप्स के लंबित आवंटन के साथ कुछ न करने या शेयर बेचने पर रोक लगा दी जब तक कि अंतिम फैसला न आ जाए।