उच्चतम न्यायालय ने गुरुवार को यूनिटेक के पूर्व प्रवर्तकों संजय चंद्रा, अजय चंद्रा और अन्य के खिलाफ दाखिल किए जाने वाले आरोप पत्र में अदालत द्वारा नियुक्त फॉरेंसिक ऑडिटर्स की रिपोर्ट का इस्तेमाल करने की प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को अनुमति दे दी। न्यायमूर्ति डीवाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति एमआर शाह के पीठ ने ईडी को ग्रांट थॉर्नटन की रिपोर्ट पर भरोसा करने की तब अनुमति दी जब जांच एजेंसी ने कहा कि यह चंद्रा बंधुओं के खिलाफ मामले को और मजबूत करेगी। ईडी की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल माधवी दीवान ने कहा कि एजेंसी अगले सप्ताह धन शोधन मामले में आरोप पत्र दाखिल करेगी। पीठ ने कहा, ‘इस अदालत ने 6 अक्टूबर 2021 को चंद्रा बंधुओं के साथ फॉरेंसिक ऑडिटर रिपोर्ट साझा करने से इनकार कर दिया था और चूंकि अब प्रवर्तन निदेशालय इस रिपोर्ट पर भरोसा करना चाहता है, इसलिए एजेंसी अदालत से अनुमति और आदेश में संशोधन का अनुरोध कर रही है।’ पीठ ने कहा कि वह अनुमति दे रही है। साथ ही स्पष्ट किया कि पहले का आदेश ईडी को फॉरेंसिक ऑडिटर्स की रिपोर्ट पर भरोसा करने से नहीं रोकेगा। पीठ ने यूनिटेक के संस्थापक रमेश चंद्रा को जमानत के लिए निचली अदालत जाने की अनुमति दे दी है।