facebookmetapixel
TCS के लिए AI बनेगा गेमचेंजर? 5 ब्रोकरेज ने कहा- खरीद लो, 35% तक मिल सकता है रिटर्नL Catterton ने हल्दीराम में किया निवेश, ब्रांड और विस्तार पर मिलेगा फोकससबसे बुरा दौर बीता, 19 साल की मेहनत को 3 दिन से न आंके: इंडिगो CEO ने वीडियो संदेश में कहाStock To Buy: लिस्टिंग से पहले ही इस स्टॉक ब्रोकरेज हुआ बुलिश, BUY रेटिंग के साथ 39% अपसाइड का दिया टारगेटGold, Silver price today: चांदी ऑल टाइम हाई से फिसली, सोना की कीमतों में भी नरमीकैश और डेरिवेटिव ब्रोकरेज पर सेबी की कैंची, ब्रोकर्स अब क्या करेंगे?₹30 में 4 किमी सफर, दिल्ली में लॉन्च होने जा रही है भारत टैक्सी; ओला-उबर की बढ़ी टेंशन!ट्रंप ने किया ‘वॉरियर डिविडेंड’ का ऐलान, 14.5 लाख सैन्य कर्मियों को एकमुश्त मिलेंगे 1,776 डॉलरKSH International IPO: अब तक 28% भरा इश्यू, सब्सक्राइब करना चाहिए या नहीं; ग्रे मार्केट ये दे रहा इशारा77% तक रिटर्न देने को तैयार ये Realty Stock! ब्रोकरेज ने कहा- नए शहरों में विस्तार से तेजी की उम्मीद

ई-कॉमर्स दिग्गजों का पक्ष खारिज

Last Updated- December 12, 2022 | 3:46 AM IST

कर्नाटक उच्च न्यायालय ने ई-कॉमर्स दिग्गज एमेजॉन और वॉलमार्ट समर्थित फ्लिपकार्ट की भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) के खिलाफ दायर याचिका आज खारिज कर दी। कंपनियों ने सीसीआई जांच का विरोध किया था और उसे प्रतिस्पर्धा कानून का उल्लंघन करार दिया था।
अतिरिक्त सोलिसीटर जनरल माधवी दीवान ने कहा कि एमेजॉन प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा पहले से चल रही एक जांच के बहाने सीसीआई की जांच से बचना चाहती है। सीसीआई प्रतिस्पर्धा कानूनों के कथित उल्लंघन के मामले में जांच कर रही है। इस बीच एमेजॉन की ओर से पेश वरिष्ठ वकील गोपाल सुब्रमणयम ने कहा कि एमेजॉन के खिलाफ सीसीआई की जांच प्रतिस्पर्धा कानून का उल्लंघन था। 2020 में दिल्ली व्यापार महासंघ (डीवीएम) की शिकायत के बाद सीसीआई ने एमेजॉन और फ्लिपकार्ट के खिलाफ जांच करने की घोषणा की थी। शिकायत में कहा गया था कि दोनों ई-कॉमर्स कंपनियां कुछ विक्रेताओं को तरजीह दे रही हं, जिससे छोटे कारोबारियों को नुकसान हो रहा है। दोनों कंपनियां यह कहकर सीसीआई जांच में स्थगनादेश हासिल करने में कामयाब रही थीं कि उन्होंने कुछ भी गलत नहीं किया है।
इस बारे में संपर्क करने पर एमेजॉन के प्रवक्ता ने कहा, ‘हम फैसले का अध्ययन करेंगे और उसके बाद अगला कदम उठाने का निर्णय करेंगे।’ फ्लिपकार्ट ने इस मसले पर कोई टिप्पणी नहीं की।
कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने अदालत के फैसले का स्वागत किया है। कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष बीसी भरतिया और महासचिव प्रवीन खंडेलवाल ने कहा, ‘इस फैसले से कैट की यह बात सही साबित होती है कि एमेजॉन और फ्लिपकार्ट का कारोबारी मॉडल प्रत्यक्ष विदेशी निवेश नीति, नियमों और अन्य कानूनों का सरासर उल्लंघन है। बिना वक्त गंवाए सीसीआई को तुंरत इसकी जांच करनी चाहिए।’ दीवान ने एमेजॉन और फ्लिपकार्ट पर पहले लगाए गए आरोपों का भी अदालत में जिक्र किया। उन्होंने कहा कि इन कंपनियों के खिलाफ बाजार खराब करने वाली कीमत, भारी छूट और कुछ विक्रेताओं को तरजीह देने का आरोप भी है। उन्होंने आरोप लगाया कि दोनों कंपनियां अपने प्राइवेट लेबल ब्रांड बेचती हैं और उन पर भारी छूट देती हैं।
चुनिंदा विक्रेताओं को तरजीह देने के बारे में बिजनेस स्टैंडर्ड के साथ हाल ही में बातचीत में एमेजॉन इंडिया के कंट्री हेड और वरिष्ठ उपाध्यक्ष अमित अग्रवाल ने कहा था कि उपयुक्त स्थानीय रिटेलरों ने प्रौद्योगिकी का लाभ उठाया है और उनके कारोबार में वृद्घि देखी जा रही है।
कैट और डीवीएम ने आरोप लगाया था कि एमेजॉन का विक्रेता क्लाउडटेल के साथ सीधा संबंध है और उसे तरजीह दी जा रही थी। ऐसा ही एक विक्रेता अपैरियो है। क्लाउडटेल एमेजॉन इंडिया पर सबसे बड़ा विक्रेता है, जिसका स्वामित्व प्रायोन बिजनेस सर्विसेस के पास है। यह कंपनी एमेजॉन और इन्फोसिस के सह-संस्थापक एनआर नारायणमूर्ति के कैटामारन वेंचर्स की संयुक्त उपक्रम है। अपैरियो रिटेल फ्रंटिजो का सहायक इकाई है, जो एमेजॉन और पटनी समूह की संयुक्त उपक्रम है।

First Published - June 11, 2021 | 11:35 PM IST

संबंधित पोस्ट