अपनी सरकारी और सार्वजनिक क्षेत्रों की नौकरी को बीच में छोड़ कर जो भारतीय प्रबंधन संस्थान अहमदाबाद (आईआईएम-ए) के पब्लिक मैनेजमेंट ऐंड पॉलिसी के स्नातकोत्तर कार्यक्रम (पीजीपी-पीएमपी) के पहले बैच में पढने आए थे, उनकी खुशी का अब ठिकाना नहीं है।
एमबीए के छात्रों की ही तरह पीजीपी-पीएमपी छात्रों को भी नौकरी के बेहतरीन ऑफर मिले हैं। उन्हें 15 लाख रुपये से लेकर 40 लाख रुपये तक की सालाना तनख्वाह की पेशकश हुई है।
यह वेतन उनकी पुरानी नौकरियों से मिलने वाले वेतन के मुकाबले लगभग 5 गुणा अधिक है। जाहिर है उनकी खुशी भी 5 गुणा अधिक होनी चाहिए…।
इस कार्यक्रम के 33 में से 24 छात्रों को बड़ी कंपनियों में उपाध्यक्ष, अतिरिक्त उपाध्यक्ष, मुख्य प्रबंधक, प्रमुख सलाहकार जैसे पदों पर नियुक्ति हुई है।
नियुक्तियों के लिए सबसे अच्छे प्रस्ताव रिलायंस एजीएजी, लोक निर्माण विभाग और अदानी समूह से मिले हैं।
पीजीपी-पीएमपी एक साल कार्यक्रम है। इसका लक्ष्य वे लोग हैं जो पब्लिक मैनेजमेंट और पॉलिसी में ऊंचे ओहदों तक पहुंचना चाहते हैं।
पीजीपी-पीएमपी कार्यक्रम के चेयरपर्सन, सबेस्टियन मॉरिस का कहना है, ‘इस कार्यक्रम में हमारा ध्यान बुनियादी ढांचों के विकास, वित्तीय नियामक, सार्वजनिक नीति और शासन प्रणाली और तकनीकी प्रबंधन पर रहता है।
क्योंकि यह विषय नियोक्ताओं को अपनी ओर आकर्षित करते हैं, जो अपने सार्वजनिक-निजी सहभागिता वाली अपनी परियोजनाओं के लिए लोगों की खोज में रहते हैं।’
पीजीपी-पीएमपी के पहले बैच को मिली बढ़िया प्रतिक्रिया ने आईआईएम-ए के फैसले को भी बदल कर रख दिया है। अगले बैच के लिए सीटों को 33 से बढ़ाकर 45 कर दिया गया है।
संस्थान के बाकी कार्यक्रमों की ही तरह उम्मीद है कि पीजीपी-पीएमपी की भी फीस अगले बैच के लिए 8.5 लाख रुपये से बढ़कर 12 लाख रुपये हो जाएगी और तीसरे बैच के लिए फीस की राशि बढ़ाकर 15 लाख रुपये कर दी जाएगी।
भारतीय प्रशासनिक सेवा के 1994 बैच के असम कैडर के अभ्यर्थी, समीर सिन्हा वापस सरकारी नौकरी करना चाहते हैं।
उनके मुताबिक, ‘आईआईएम-ए में मिले अनुभवों ने मुझे सार्वजनिक नीति क्षेत्रों में कौशल मूल्यांकन, आर्थिक, वित्तीय और मार्केटिंग की बेहतरीन जानकारी मुहैया करवाई है।’
मैं हूं एमबीए पास…
जहां एक तरफ नौकरी छोड़ चुके लोग एक बार फिर नौकरी करने वाले हैं, वहीं दूसरी तरफ एमबीए कार्यक्रम के आखिरी चरण में पहुंच चुके दूसरे छात्रों को भी बढ़िया वेतन के साथ नौकरियों के लिए प्रस्ताव मिलने लगे हैं।
कुछ नियुक्ति अधिकारियों को वैश्विक आर्थिक मंदी के चलते नियुक्तियों पर लग रही रोक का पछतावा है।
इसके बावजूद संस्थानों के आंकड़े एमबीए छात्रों को खुश करने के लिए काफी हैं। आईआईएम- बेंगलोर के 15 छात्रों को अकेले मैकिंजी ने ही नियुक्त किया है।
आईआईएम के सबसे नवीन संस्थान आईआईएम इंदौर में ही 95 कंपनियां नियुक्तियों के लिए बेताब थीं। वहां के 136 छात्रों को नौकरियों के 367 प्रस्ताव मिले, जो उनकी संख्या से लगभग तीन गुणा है।
प्रस्तावों के साथ ही इस संस्थान के छात्रों को मिलने वाली औसतन सालान तनख्वाह 13.07 लाख रुपये रही। पहली बार इंदौर के इस संस्थान से प्रॉक्टर ऐंड गैम्बल और ईडलवाइस जैसी नामी कंपनियों ने नियुक्तियां कीं।
आईआईएम के अलावा भी है राह…
अगर आईआईएम की खुमारी से बाहर निकल कर देखें तो भुवनेश्वर के जेवियर प्रबंधन संस्थान (एक्सआईएम-बी) में भी 62 कंपनियों ने नियुक्तियों के लिए दस्तक दी।
इस संस्थान में 118 छात्रों को 248 नौकरियों के प्रस्ताव मिले। इस बार वित्तीय क्षेत्र नौकरियों के लिए पहली पसंद है, क्योंकि संस्थान के इस बैच के 35 प्रतिशत छात्रों को बैंकिंग और वित्तीय क्षेत्र में ही नौकरी मिली हैं।
जमशेदपुर के जेवियर लेबर रिलेशंस इंस्टीटयूट (एक्सएलआरआई) में 180 छात्रों के इस बैच को कुल 298 प्रस्ताव मिले। इनमें 12 अंतरराष्ट्रीय प्रस्ताव भी शामिल हैं, जिसमें सबसे बढ़िया प्रस्ताव सालाना एक लाख डॉलर का है।
यहां भी लगभग 31 प्रतिशत नियुक्तियां वित्तीय क्षेत्र में हुईं। इसके अलावा माइक्रोसॉफ्ट, एचसीएल, इन्फोसिस, कॉग्निजेंट, विप्रो और दूसरी तकनीक संबंधी कंपनियों ने भी नियोक्ता के रूप में शिरकत की।
मुंबई के जमनालाल बजाज इंस्टीटयूट फॉर मैनेजमेंट स्टडीज (जेबीआईएमएस) में छात्रों को 29 लाख रुपये सालाना की घरेलू तनख्वाह पर नियुक्ति का प्रस्ताव मिला है।
पिछले साल की तुलना में इस साल संस्थान में नियुक्तियों के लिए आए इन्वेस्टमेंट बैंकों की संख्या दोगुनी हुई।
बॉक्स :
इनके वेतन पर एक नजर…
संस्थान घरेलू (रु. में) अंतरराष्ट्रीय (डॉलर में)
2007 2008 2007 2008
आईआईएम-ए 1 करोड़ 70 लाख 2.25 लाख 3.6 लाख
आईआईएम-सी 40 लाख – 2.5 लाख 3.4 लाख
आईआईएम-के 22 लाख 29 लाख 1.1 लाख 1.75 लाख
आईआईएम-आई 18 लाख 26 लाख 1.1 लाख 89 लाख
आईआईएफटी-डी 19.2 लाख 25 लाख 1 लाख 1.10 लाख
एक्सएलआरई, जमशेदपुर 16 लाख 28 लाख 1 लाख 1 लाख