डिश टीवी इंडिया के निदेशक मंडल में एक प्रवर्तक मनोनीत सदस्य की पुनर्नियुक्ति के खिलाफ भारतीय ऋणदाताओं द्वारा सफलतापूर्वक मतदान किए जाने के एक दिन बाद बैंक अधिकारियों ने कहा कि वे सैटेलाइट टीवी प्रसारक डिश टीवी में अपनी हिस्सेदारी बेचने के लिए भारती समूह और टाटा स्काई के साथ लगभग अंतिम स्तर की बातचीत कर रहे हैं।
हालांकि बैंक अधिकारियों ने कहा कि वे एस्सेल समूह की प्रवर्तक कंपनियों द्वारा दायर एक याचिका के फैसले की प्रतीक्षा कर रहे हैं, जिसमें बैंक के नाम पर गिरवी रखे शेयरों के हस्तांतरण के खिलाफ अपील की गई है। इस घटनाक्रम के एक करीबी सूत्र ने कहा ‘मुकदमा खत्म होने के बाद हम कंपनी का निदेशक मंडल बदलने और अपनी हिस्सेदारी सबसे ज्यादा बोली लगाने वाले को बेचने के लिए अगला कदम उठाएंगे।’
बुधवार को डिश टीवी इंडिया का शेयर 15 रुपये प्रति शेयर की दर पर कारोबार कर रहा था, जिससे इसका कुल बाजार मूल्यांकन 2,800 करोड़ रुपये हो गया। भारती या टाटा स्काई द्वारा अधिग्रहण किए जाने से अधिग्रहणकर्ता की बाजार स्थिति मजबूत होगी। वीडियोकॉन डी2एच का डिश टीवी में विलय होने के बाद विलय वाली कंपनी की डीटीएच कंपनियों के बीच पिछले साल 31 सितंबर तक बाजार हिस्सेदारी 22.65 प्रतिशत हो चुकी है। भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के आंकड़ों के अनुसार टाटा स्काई की बाजार हिस्सेदारी 33.34 प्रतिशत और भारती टेलीमीडिया की बाजार हिस्सेदारी 26.11 प्रतिशत थी। एक सूत्र ने कहा कि टाटा स्काई और भारती दोनों ही हिस्सेदारी हासिल करने को उत्सुक हैं और उन्होंने अपनी पूरजोर कोशिश की है। डिश टीवी में ऋणदाताओं की संयुक्त रूप से 45 प्रतिशत हिस्सेदारी है।
ऋणदाताओं को इस बात की उम्मीद है कि डिश टीवी में अपनी हिस्सेदारी बेचकर वे एस्सेल समूह की प्रवर्तक कंपनियों से अपने बकाये का कुछ हिस्सा वसूल कर लेंगे। येस बैंक ने वर्ष 2015 और वर्ष 2018 के बीच एस्सेल समूह की विभिन्न प्रवर्तक कंपनियों को 5,270 करोड़ रुपये का ऋण दिया था। इस ऋण के एवज में सुरक्षा के रूप में प्रवर्तकों ने कंपनी की कुल शेयरधारिता का 25.63 प्रतिशत भाग येस बैंक के पक्ष में गिरवी रखा था।
