अदाणी समूह की प्रमुख कंपनी अदाणी पोर्ट्स की ऑडिटर डेलॉयट इस्तीफा देने जा रही है। डेलॉयट ने कंपनी के ऑडिटर की जिम्मेदारी छोड़ने का फैसला किया है। मामले से वाकिफ सूत्रों ने बताया कि अमेरिका की शार्ट सेलिंग फर्म हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट में कुछ लेनदेन पर संदेह जताए जाने की चिंता में डेलॉयट ने अदाणी पोर्ट्स का ऑडिटर पद छोड़ने का निर्णय लिया है।
डेलॉयट ने मई में अपनी एक रिपोर्ट में हिंडनबर्ग द्वारा बताए गए कुछ लेनदेन की ओर इशारा किया था और बतौर ऑडिटर उचित राय दी थी। इस्तीफे के बारे में डेलॉयट और अदाणी पोर्ट्स से सवाल पूछे गए मगर खबर लिखे जाने तक उनका जवाब नहीं आया।
मामले की जानकारी रखने वाले एक शख्स ने कहा कि डेलॉयट हस्किन्स ऐंड सेल्स ने ऑडिटर की जिम्मेदारी छोड़ने के बारे में अदाणी पोर्ट्स ऐंड स्पेशल इकनॉमिक जोन को जानकारी दे दी है। सूत्रों के मुताबिक इस्तीफे के बारे में औपचारिक घोषणा सोमवाल को हो सकती है।
हिंडनबर्ग ने इस साल जनवरी में रिपोर्ट जारी कर अदाणी समूह पर कर के लिहाज से मुफीद जगहों का अनुचित उपयोग करने और बहुत अधिक कर्ज होने की चिंता जताई थी। मगर अदाणी समूह ने इन आरोपों को बेबुनियाद बताया था।
इस्तीफे से कुछ समय पहले ही डेलॉयट ने अदाणी पोर्ट्स को हिंडनबर्ग रिपोर्ट में बताए गए संबंधित पक्षों के साथ लेनदेन की स्वतंत्र जांच कराने की सलाह दी थी। सूत्रों ने कहा कि कंपनी स्वतंत्र जांच के लिए सहमत नहीं हुई। हिंडनबर्ग रिपोर्ट से निवेशकों का भरोसा डिगा था और अदाणी समूह की कंपनियों के बाजार मूल्य में करीब 150 अरब डॉलर की कमी आ गई थी। बाद में समूह की कंपनियों के शेयरों ने अच्छी वापसी की मगर उसका बाजार पूंजीकरण रिपोर्ट से पहले की तुलना में अब भी करीब 100 अरब डॉलर कम है।
सर्वोच्च न्यायालय द्वारा नियुक्त एक समिति ने मई में कहा था कि अदाणी समूह के खिलाफ लगाए गए आरोपों की भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड द्वारा की गई जांच में कोई नतीजा नहीं निकला।