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दिल्ली के लाइसेंस में देरी से देश में राजस्व पर असर : परनोड

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एजेंसियां
Last Updated- April 03, 2023 | 11:04 PM IST

शराब की दिग्गज कंपनी परनोड रिकॉर्ड भारत में अपने व्यवसाय में काफी नुकसान झेल रही है। सूत्र बता रहे हैं कि राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में लाइसेंस मिलने में हो रही देरी होने से इसके यहां ब्रांड्स मौजूद नहीं है इसलिए कंपनी को नुकसान झेलना पड़ रहा है।

परनोड पिछले 20 साल से दिल्ली और पूरे भारत में व्यवसाय कर रही है। यहां हर राज्य अलग अलग लाइसेंस देते हैं और अधिसंख्य जगह हर साल इसका नवीनीकरण करना पड़ता है।

27 मार्च को अदालत में डाले गए एक हलफनामा में कंपनी ने न्यायाधीश से कहा कि उसने अगस्त 2022 में ही लाइसेंस के लिए आवेदन डाला था लेकिन सरकार ने अब तक इसे जारी नहीं किया है। इससे कंपनी के ब्रांड्स अब शहर के बार और शराब की दुकानों में नहीं मिलते हैं।

परनोड ने हलफनामा में कहा है कि यह उसके बाजार के शेयर और राजस्व पर भी प्रतिकूल प्रभाव डाल रहा है और इससे वह यहां व्यवसाय करने की स्थिति में नहीं है। साथ ही कहा कि इस स्थिति के कारण उसे भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है।

नुकसान के आंकड़े बताए बिना परनोड ने कहा कि यह लगातार और हर बीतते दिन के साथ नुकसान उठा रहा है। साथ ही कहा कि ग्राहक भी इसके ब्रांड्स से वंचित हैं।

मामले की जानकारी रखने वाले दो सूत्रों ने कहा कि शिवास रीगल, ब्लेंडर्स प्राइड, 100पाइपर्स और एब्सोल्यूट वोदका जैसे टॉप ब्रांड्स दिल्ली शहर में नहीं मिल रहे हैं।

दिल्ली सरकार ने इस मामले में त्वरित टिप्पणी करने से इनकार कर दिया जबकि परनोड ने भी इस खबर को लेकर कुछ नहीं कहा।

परनोड महीनों से भारत में नियामकीय चुनौतियों का सामना कर रही है।

परनोड कथित तौर पर आयात को कम करके आंकने के लिए करीब 25 करोड़ डॉलर की कर मांग से जूझ रहा है और 2021 में दिल्ली शहर की शराब नीति के कथित उल्लंघन के लिए एक केंद्रीय जांच का सामना कर रहा है।

इस के कारण इसके एक कार्यकारी की गिरफ्तारी भी हुई है। हालांकि किसी भी गलत काम से इनकार करती है। पिछले सप्ताह दिल्ली उच्च न्यायालय के एक न्यायाधीश ने सरकार से दो सप्ताह के भीतर यह तय करने को कहा था कि परनोड को लाइसेंस जारी किया जाए या नहीं।

First Published : April 3, 2023 | 11:04 PM IST